दरअसल कोरोना काल में लगातार हो रही मौतों के बीच भयावाह तस्वीरें सामने आयीं। गाजीपुर और बलिया से लेकर बिहार के बक्सर तक जगह-जगह गंगा में सैकड़ों शव बहते मिले। इन शवों को लोगों ने गंगा में प्रवाहित कर दिया था। इसके बाद सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए इसपर रोक लगाने के लिये गंगा समेत नदियों में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगा दी।
इसके साथ ही गंगा में बहकर आने वाले शवों को पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार प्रशासन की ओर से कराया जाने लगा। इसी बीच बलिया में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ पुलिस कर्मी गंगा में बहकर आए शव का अंतिम संस्कार करवाते हुए दिखे। इसमें चिता पर पेट्रोल डालकर और साथ में टायर रखकर शव जलाते दिखा। वायरल वीडियो के बाद प्रशासन की ओर से कराए जा रहे अंतिम संस्कार पर सवाल उठने लगे।
बलिया के एसपी ने इसका संज्ञान लेकर तत्काल कार्रवाई करते हुए पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक डाॅ. विपिन ताडा ने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आया था जिसमें लावारिस शव का दाह संस्कार पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में किया जा रहा था। इस दौरान संवेदनहीनता बरती गयी, जिसके लिये पांच दोषी आरक्षियों को निलंबित किया गया है और पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी बलिया को दी गई है।