ऐसे ही बलिया राजकीय आईटीआई कालेज के प्रधानाचार्य का नाम सामने आने के बाद उन्हे निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि विद्यालय में न तो प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन कराया गया और न ही लिखित परीक्षा का इसके बावजूद भी प्रिसिपल साहब ने छात्रो को अंकपत्र उनके हाथ में दे दिया। इस मामले के सामने आने के बाद एक आरटीआई कार्य़कर्चा ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की थी मामला सही पाये जाने के बाद डीएम ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है।
बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल ने ये जालसाजी 2018 -19 सत्र के दरमयान पास होने वाले बच्चों के साथ किया है। कहा जा रहा है कि परीक्षा न कराने और डिग्री बांटने के एवज में कई छात्रों से मोटी रकम वसूली गई। धीरे-धीरे मामला लोगों तक पहुंचा तो जिलाधिकारी ने मामले में जांच का आदेश दिया। था। सिटी मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट में आइटीआइ के प्रधानाचार्य नसीमुद्दीन को दोषी करार दिया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने तत्काल प्रभाव से प्रधानाचार्य को निलम्बित कर समस्त वित्तीय अधिकार सीज करते हुए निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजना कार्यालय से संबद्ध कर दिया। इस कार्रवाई के बाद जनपद में आइटीआइ केंद्र संचालकों में हड़कंप मचा है।