UP Panchayat elections: आयोग ने शुरू की तैयारी, जानें कब होंगे चुनाव
मामला उत्तर प्रदेश के जनपद बलिया का है। विकास कार्यों की समीक्षा और सत्यापन करने के लिए बुधवार को बलिया के जिलाधिकारी श्री हरिप्रताप शाही नोरंग गांव पहुंचे थे। निरीक्षण के बाद वह प्राइमरी व उच्च प्राथमिक विद्यालय में भी गए और वहां व्यवस्थाओं को देखते हुए पढ़ाई के बारे में भी जानकारी ली। इस दौरान जिलाधिकारी ने पूछा कि बच्चों को कैसे पढ़ाया जा रहा है तो मास्टर जी खुश होकर बोले कि सब कुछ ठीक है। इसी दौरान जिलाधिकारी ने सहायक अध्यापक ( government school teacher ) गिरजा शंकर पांडे से भिन्न का एक सवाल पूछ लिया। सवाल पूछते ही सहायक अध्यापक बगले झांकने लगे और उन्होंने बचने के लिए कहा कि वे विज्ञान के टीचर हैं, गणित के नहीं।इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि यह तो एक सामान्य ज्ञान वाला प्रश्न है और इसमें विषय का मुद्दा ही नहीं उठता। जिलाधिकारी के इतना कहने पर सहायक अध्यापक को उत्तर देना पड़ा लेकिन उनका उत्तर गलत था। इसके बाद जिलाधिकारी ने कक्षा 6 के अर्जुन नाम के एक छात्र को बुलाया तो इस छात्र ने महज 10 सेकंड में प्रश्न का जवाब दे दिया।
जानिए क्या था सवाल
दरअसल जिलाधिकारी ने अध्यापक से पूछा था कि 1/2 और 4/5 में कौन सी संख्या बढ़ी है और कौन सी संख्या छोटी है ? साधारण से प्रश्न का सहायक अध्यापक जवाब नहीं दे पाए और उन्होंने गलत उत्तर दिया। इसके बाद छठी कक्षा के छात्र ने प्रश्न को हल कर दिया। अध्यापक ने खुद को विज्ञान विषय का अध्यापक बताया था इस पर जिलाधिकारी ने एक बार फिर से अध्यापक का टेस्ट लिया और उनसे पूछा कि न्यूटन का नियम बताइए ? विज्ञान के शिक्षक ना तो न्यूटन का नियम बता पाए और ना ही वह आर्कमिडीज का सिद्धांत बता पाए।
डीएम ने कह दी ये बात
एमएससी डिग्रीधारी शिक्षक जब एक सामान्य सा प्रश्न नहीं हल कर पाए तो डीएम भी नाराज दिखाई दिए उन्होंने इस घटना से आहत होकर धीरे से यह भी कह दिया कि अच्छा हुआ कि अपने बच्चों को उन्होंने सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाया। यदि इन स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाया हाेता तो वह छोटे बड़े का अंतर भी ना समझ पाते। जिलाधिकारी ने शिक्षक से कहा कि इस आसान से प्रश्न का उत्तर ना दे पाना अच्छी बात नहीं है। अध्यापकों को अपना आकलन करना चाहिए।