इसे भी पढ़ें लोकसभा चुनाव में हार के बाद सपा को बड़ा झटका, इस सांसद ने दिया इस्तीफा, बीजेपी में हो सकते हैं शामिल 2019 में यह पहला लोकसभा चुनाव था जब चन्द्रशेखर के परिवार से कोई प्रयाशी नहीं था। टिकट न मिलने से तभी से नीरज शेखर नाराज बताए जा रहे थे। अब उन्होंने अचानक ही यह फैसला लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। उनके बीजेप में जाने की अटकलें लगायी जा रही हैं। नीरज शेखर के बीजेपी ज्वाइन करते ही शायद उन्हें पिता की राजनैतिक विरासत तो मिल जाए, लेकिन वो पिता की समाजवादी विचारधारा से दूर हो जाएंगे। सियासी जानकार नीरज शेखर को टिकट न देकर नाराज करना उनकी गलती मान रहे हैं। उनके मुताबिक इसी एक गलती से समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है।
इसे भी पढ़ें सपा सांसद बोले, रेल मंत्री क्या काम कराएंगे, उनके गांव की सड़क तो मैंने बनवायी है बलिया की सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर 1977 से लेकर 2004 तक बीच में 1980 को छोड़कर लगातार आठ बार बलिया से सांसद चुने गए। 2007 में उनके निधन के बाद सीट खाली हो गयी। इसके बाद उपचुनाव हुआ तो उनके बेटे नीरज शेखर को समाजवादी पार्टी ने बलिया से टिकट दिया और वो बम्पर वोटों से जीत गए। 2009 में भी नीरज शेखर ने यह जीत बरकरार रखी। 2014 की मोदी लहर में बलिया सीट पहली बार बीजेपी के कब्जे में चली गयी और यहां से भाजपा के भरत सिंह सांसद हो गए। नीरज शेखर को हार का मुंह देखना पड़ा। पर समाजवादी पार्टी ने नीरज शेखर को राज्यसभा भेज दिया। राज्यसभा में उनका कार्यकाल 2020 तक था, पर उसके पहले ही अचानक उन्होंने बीते सोमार को राज्यसभा की सदस्यता और समाजवादी पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया।