बलिया जिले के राजकीय बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों की दर्द भरी दास्तां को सुन और देखकर हर कोई दंग रह जाएगा। दरअसल राजकीय बालिका विद्यालय में असुविधाओं की भरमार है। विद्यालय में छात्राओं को गंदा पानी पीना पड़ता है। साथ ही लघुशंका के लिए मजबूरन खुले में जाना पड़ता है। छात्राओं के अनुसार विद्यालय का शौचालय इतना गंदा रहता है कि उसमें जाना मुश्किल होता है और जो साफ शौचालय है उसका मैडम लोग उपयोग करती हैं और ताला लगा रहता है। ऐसे में हमें मजबूरन खुले में जाना पड़ता है। यहीं नहीं, छात्राओं ने बताया कि विद्यालय के कक्षा में जाने से पहले खुद झाड़ू भी लगाना पड़ता है।
वहीं, जब इस बाबत विद्यालय की प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने स्टाफ की कमी का रोना शुरू कर दिया। प्रिंसिपल ने कहा कि इतने बड़े विद्यालय में सिर्फ एक सफाईकर्मी, ऐसे में हर जगह सफाई सम्भव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय में 1600 छात्राएं पढ़ती हैं, जिससे शौचालय बहुत गंदा रहता है और एक स्वीपर से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह सभी शौचालयों को साफ रखे। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सरकार स्टाफ की संख्या बढ़ा दे तो सारी परेशानी दूर हो जाएगी।
प्रभारी जिला अधिकारी संतोष सिंह से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जहां कमी दिखाई देती है संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को निर्देशित किया जाता है। बता दें कि जनपद में कुल चार राजकीय बालिका विद्यालय संचालित हैं और चारों का हाल बेहाल है। बालिका विद्यालयों के दुर्दशा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया जिलाधिकारी से एक महीने में हलफनामा मांगा है।