निर्भया केस में अदालत का फैसला आने के बाद से ही गांव के लोगों में खुशी थी। लेकिन जैसे ही मामला दया याचिका तक पहुंचा गांव के लोग एक बार फिर उदास होने लगे। सभी को ये लगने लगा था कि कही राष्ट्रपति के यहां से माफी मिली तो इस दरिंदे को सजा दिलाने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा। पर महज चार दिनों के भीतर ही दया याचिका खारिज हो जाने के बाद परिजनों का कहना है कि दोषियों को अब फांसी से कोई नही बचा सकता। उनकी मौत समाज के लिए एक सबक होगी।
शिव मंदिर में जलाया गया था घी का दीपक गांव के ही शिव मंदिर में न्याय के लिए पिछले चार दिनों से घी का दीपक जलाया गया था। इश्वर से न्याय के लिए प्रार्थना की गई । इससे ये संकते था इस केस में भी दोषियों को फांसी मिले ताकि समाज में उजाला फैल सके। निर्भया की यादों को ताजा करते हुए उसकी चचेरी बहन का कहना है कि जब तक दरिंदो को फांसी पर चढ़ाया नही जाएगा तब तक निर्भया को न्याय नही मिलेगा। दरिंदों को दी जाने वाली फांसी समाज के लिए एक सबक होगी कि बेटियां जब तक सुरक्षित नही होंगी तब तक न समाज सुरक्षित होगा और न ही देश।