जितेंद्र नाथ दुबे की बेटी रागिनी का गांव के पास ही प्रधान कृपाशंकर तिवारी के बेटे आदित्य उर्फ प्रिंस ने कुछ साथियों के साथ मिलकर चाकू से गला रेत दिया था। इस मामले में जितेन्द्र की तहरीर पर पुलिस ने बजहां के प्रधान कृपाशंकर तिवारी, उसके पुत्र प्रिंस, भतीजों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। वारदात की रात ही पुलिस ने मुख्य आरोपित प्रिंस को उसके साथी के साथ गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया था। तीसरे आरोपित नीरज तिवारी पुत्र चंद्रमणि तिवारी ने दो दिनों बाद अदालत में समर्पण किया था।
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम व विशेष न्यायाधीश पाक्सो चंद्रभानु सिंह की अदालत में हो रही थी। चश्मदीद गवाह रागिनी की बहन और कई साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने चार अभियुक्तों को दोषी करार दिया और उन्हें कस्टडी में लेते हुए जेल भेज दिया। दो साल तक चले मुकदमे में अभियोजन पक्ष की तरफ से 12 गवाह पेश किये गए। दोनों तरफ की जिरह सुनने के बाद न्यायाधीश ने चारों को दोषी करार देते हुए सजा के लिए शुक्रवार की तारीख मुकर्रर कर दी।
हमेशा सत्ता के करीब रहा हत्यारे का परिवार
गांव की प्रधानी व सत्ता की नजदीकी के दम पर पुलिस तक पहुंच के दम पर ग्राम प्रधान व उसके परिवार के लड़कों ने गांव में आतंक कायम कर रखा था। ग्रामीणों के अनुसार जब कभी भी इन सबों के खिलाफ शिकायत की गयी, हर बार पैसे के दम पर कार्रवाई से बचते रहे। ग्राम प्रधान ने भी हमेशा सत्ता के साथ अपनी नजदीकी बनाये रखी और सरकार के साथ ही निष्ठा भी बदलता रहा।
ग्रामीणों की मानें तो प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से पहले ग्राम प्रधान पूर्ववर्ती सपा सरकार के साथ था। विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बदली तो प्रधान ने भी अपनी निष्ठा बदल दी और भाजपा का समर्थक हो गया। फेसबुक पर प्रधान कृपाशंकर तिवारी व उसके बेटे प्रिंस की जो तस्वीरें साझा हुई हैं, वह फिलहाल यहीं बयां कर रही हैं। प्रिंस ने फेसबुक पर सत्ताधारी दल व उससे जुड़े संगठनों के नेताओं के साथ फोटो साझा भी की है। गांव का प्रधान होने के नाते पुलिस से मिलना-जुलना भी था, लिहाजा इनकी हरकतें लगातार बढ़ती चली गयीं।
BY- AMIT KUMAR