scriptएम्बुलेंस के इंतजार में मासूम बच्ची की मौत, सीएमएस ने कहा- ‘जो बिमार है उसे तो मरना ही है’ | Shameful statement of CMS Dr HP Rai of Ballia District Hospital on girl child death News in Hindi | Patrika News

एम्बुलेंस के इंतजार में मासूम बच्ची की मौत, सीएमएस ने कहा- ‘जो बिमार है उसे तो मरना ही है’

locationबलियाPublished: Sep 01, 2017 09:55:00 am

बलिया जिला चिकित्सालय के सीएमएस डाॅ. एचपी राय का शर्मनाक बयान

Shameful statement of CMS Dr HP Rai

बच्ची की मौत पर बलिया जिला चिकित्सालय के सीएमएस डाॅ. एचपी राय का शर्मनाक बयान

बलिया. यूपी में खस्ताहाल चिकित्सा व्यवस्था ने बलिया में एक नौ साल की बच्ची की जान ले ली। बलिया जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए आई मासूम की हालत गंभीर देख डाॅक्टर ने उसे बनारस के लिए रफर कर दिया गया मगर 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने उसे शहर के प्राइवेट डॉक्टर के पास छोड़ कर भाग गए। मासूम के परिजन वापस जिला चिकित्सालय पहुंच 108 नम्बर एम्बुलेंस को ढूढ़ते रहे, लेकिन एम्बुलेंस नहीं मिली और एम्बुलेंस के इंतजार में मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत पर जहां एक ओर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था, वहीं एसएमएस साहब ने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जो बिमार है उसे तो मरना ही है।
यूपी की खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का शिकार आम जनता किस तरह हो रही है ये देखने को मिला बलिया के जिलाचिकित्सालय में जहा एक नौ साल की बच्ची काजल ने एम्बुलेंस के इंतजार में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। दरसल काजल को तेज बुखार आया ऐसे में परिजनों ने पहले तो सोनबरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराया। मगर काजल की तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला चिकित्सालय भेज दिया गया। यहां भी काजल की स्थिति नाजुक देख डाक्टरों ने उसे बनारस के लिए रेफर कर दिया।
इसके बाद परिजन 108 नम्बर एम्बुलेंस से जिन्दगी और मौत से जूझती काजल को लेकर बनारस के लिए निकले, लेकिन 108 नम्बर एम्बुलेंस के कर्मचारी काजल व उसके परिजनों को शहर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम पर यह कहते हुए छोड़कर फरार हो जाते हैं कि बनारस जाने में काफी समय लगेगा। इसलिए प्राइवेट हाॅस्पिटल में इलाज कराओ। काजल की गंभीर हालत देख प्राइवेट डॉक्टर भी इलाज करने से मना कर देता है। इसके बाद काजल के परिजन एम्बुलेंस को ढूढ़ते हुए जिला चिकित्सालय आते हैं पर वहां भी एम्बुलेंस का पता नहीं चलता। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर इस दौरान कई बार 108 नंबर पर काल भी करते हैं पर बेकार सिस्टम एक एबुलेंस तक मुहैया नहीं कर पाता। इसी बीच एम्बुलेंस के इंतजार में मासूम काजल दम तोड़ देती है।
काजल की मौत के चंद पलों के बाद फरार एम्बुलेंस भी जिला चिकित्सालय में नजर आती है। जिंदगी और मौत के बीच काजल को प्राइवेट नर्सिंग होम पर छोड़कर लगभग एक घंटे तक फरार रहे एम्बुलेंस के कर्मचरियों से इस बाबत पूछने पर कोई जवाब नहीं मिला और वह अपनी सफाई देने लगा। जिला चिकित्सालय में एम्बुलेंस के इंतजार में एक बच्ची की मौत हो जाती है पर सिस्टम का हाल देखिये की इसकी सूचना ना सीएमओ को दी जाती है सीएमएस को।
इस घटना के बाबत जब बलिया जिला चिकित्सालय के सीएमएस डाॅ. एचपी राय पूछा गया तो उनका जवाब सुनकर हर कोई हैरान रह गया। सीएमएस साहब पहले तो पूरी घटना पर सफाई देने लगे। फिर उन्होंने कहा कि जो बिमार है उसे तो मरना ही है। अब जिस सरकारी अस्पताल के अधिकारी की यह सोच है, वहां के कर्मचारी या डाॅक्टरों से जनता क्या उम्मीद करे।
by Amit Kumar

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