जी हां शुक्रवार को भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय ने जो बयान दिया है उससे एक बात तो साफ लग रहा है कि आने वाले 2019 के चुनाव में शिवपाल को लड़ा कर महागठबंध को कमजोर कर भाजपा दोबार यूपी से बड़ी संख्या में सीटें जीतने की मंशा पर काम कर रही है। बलिया में आयोजित पार्टी के कार्य़क्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीतमें भाजपा नेता ने शिवपालल यादव को जमीनी नेता बता दिया। इतना ही नहीं उन्होने कहा कि वो संगठन खड़ा करने में आसानी सफल हो जायेंगे।
अब सोचने वाली बात ये है कि भाजपा को अपने नेताओं से हटकर शिवपाल की तारीफ क्यूं करनी पड़ रही है। राजनीति की जानकारों की मानें तो भाजपा के सांसदों ने चार साल बीत जाने के बाद भी जनता के बीच बहुच अच्छी छवि नहीं बना पाई है। अब भी हाल ये है कि पीएम मोदी के चेहरे को किनारे कर दिया जाये तो 2014 में 71 सीटें जीतने वाली भाजपा शायद 30 सीटें भी न जीत सके।
ऐसे में बीजेपी के नेता चाह रहे हैं कि हर हाल में शिवपाल का खेमा 2019 का लोकसभा का चुनाव लड़े और हर सीट पर अच्छी दावेदारी पेश करे ताकि महागठबंधन की रणनीति पूरी तरह से फेल हो जाये। इसलिए भाजपा की रणनीति है कि शिवपाल को बड़ा नेता बताकर हर हाल में इन्हे चुनाव में उतरने के लिए मजबूर किया जाये। ताकि इसका लाभ मिल सके।