पूरी कहानी कुछ इस तरह है कि बलिया जिले के सुखापुरा थानाक्षेत्र के शिवपुर गांव में जनसेवा केन्द्र चलाने वाले 23 साल के नागेन्द्र साहनी पुत्र नथुनी साहनी का दोस्त अनिल साहनी सऊदी अरब रहकर वहां रोजगार करता था। वहां से वह नागेन्द्र के जनसेवा केन्द्र के जरिये पत्नी के लिये रुपये भेजता था। इसी लेनदेन में कब दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और वो दो जिस्म एक जान हो गए। फिर उनका प्यार परवान चढ़ने लगा और दोनों घरवालों व दुनिया की नजरों से बचकर मिलने लगे। पर इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपता।
यह बात अनिल के घरवालों तक पहुंच गयी। इस बीच अनिल भी लौट आया और शिवपुर में ही रहने लगा। उसे जब पत्नी के अवैध संबंध की जानकारी हुई तो उसने उसे धमकाया और इस बात की ताक में लग गया कि दोनों को रंगे हाथों पकड़ लें। फिर अपने भाई संजय के साथ मिलकर दोस्त नागेन्द्र की हत्या की खौफनाक साजिश रच डाली। पत्नी को उसके मायके हल्दी थानाक्षेत्र के हांसनगर भेज दिया और वहां नागेन्द्र को बुलाने को कहा। वह भी पति की साजिश का हिस्सा बन गयी और नागेन्द्र को फोन कर हंसानगर बुलाया।
उसकी कॉल आते ही नागेन्द्र अपने घर पर दोस्त की पार्टी में जाने की बात कहकर निकल गया। बीच में उसने नागेन्द्र को 14 बार फोन किया। जब वह पहुंचा तो पत्नी ने तुरन्त ही इसकी खबर पति अनिल को दे दी। उसे चाय में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिय गया। इसके बाद दोनों भाइयों ने गला दबाकर उसकी हत्या की और लाश को बोरे में भरकर उसे गलने के लिये नमक व डूबने के लिये पत्थर डाल दिया। नैनीजोर (बिहार) जाने वाले घाट पर उसे गंगा में डुबो दिया।
26 दिसंबर को नागेन्द्र का भाई सत्येन्द्र जब खोजते-खोजते थक गया तो 29 दिसंबर को उसने सुखापुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। गांव में अवैध संबंध को ध्यान में रखते हुए लोगों का शब अनिल और उसकी पत्नी पर था। पुलिस भी जांच में जुअ गयी और नागेन्द्र का लोकेशन ट्रेस किया तो आखिरी बार वह नैनीजोर में मिला। आखिरी कॉल की पड़ताल हुई तो अनिल और उसकी पत्नी पर शक गया। जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो अनिल और उसके भाई संजय ने पूरी घटना बता दी। पुलिस ने शिवपुर नाले से फोन उसके बद नदी से लाश भी बरामद कर ली।
By Amit Kumar