एक मात्र सर्जन का हो गया ट्रांसफर
जिला अस्पताल में पहले से ही चिकित्सकों की कमी है। दूसरी ओर यहां सर्जन डॉ. नुरेन्द्र साहू का अन्य जिले में ट्रांसफर हो गया है। जिसका स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर पड़ेगा। सर्जन डॉ. साहू 2015 से यहां पदस्थ थे। इनके कारण हार्निया, हाइड्रोसील, पथरी, नसबंदी, स्तन गांठ व अन्य बीमारियों का भी सफल ऑपरेशन हुआ है। उनके ट्रांसफर बड़ा झटका लगा है। उनके नहीं रहने से गंभीर ऑपरेशन बंद हो सकते हैं। इसलिए उन्हें पदस्थ करने की मांग हो रही है।
इन विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद हैं रिक्त
जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से सोनोग्राफी बंद है। मनोरोग चिकित्सक नहीं है। मनोरोगी रायपुर-दुर्ग जाकर इलाज करवाते हंै। पैथोलॉजिस्ट, नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ भी नहीं हैं। मरीज दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव जाकर इलाज करवाते है। मेडिकल बोर्ड में भी परेशानी होती है। हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने से मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं, मेडिसीन विशेषज्ञ के पद भी खाली व निश्चेतना रोग के भी कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है।
जनप्रतिनिधियों को देना होगा ध्यान
जिला अस्पताल में रिक्त पदों पर चिकित्सकों की भर्ती करने जिले के विधायक, मंत्री, संसदीय सचिव को भी शासन के समक्ष पहल करनी होगी। ताकि जिला अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर रहे। मरीजों का यहीं इलाज हो जाए।
रिक्त पदों की जानकारी शासन-प्रशासन को भेज दी है
सिविल सर्जन डॉ. एसएस देवदास ने बताया कि जिला अस्पताल में रिक्त पदों की जानकारी शासन व प्रशासन को भेज दी है। जल्द पद भरने की मांग की है। शासन से चिकित्सकों की भर्ती होने पर पर्याप्त चिकित्सक अस्पताल में हो जाएंगे। जिसका लाभ लोगों को होगा।