script74,520 cows decreased in seven years | सात साल में घट गए 74,520 गौवंश, तस्करी भी बढ़ी, पशुपालकों ने मोड़ा मुंह | Patrika News

सात साल में घट गए 74,520 गौवंश, तस्करी भी बढ़ी, पशुपालकों ने मोड़ा मुंह

locationबालोदPublished: Nov 08, 2022 09:15:07 pm

राज्य सरकार गौवंश के संरक्षण को लेकर नीतियां बना रही है। गौशालाएं खोली जा रही हैं। गांव-गांव में गौठान निर्माण कर गोबर व पैरा खरीदा जा रहा है। गौपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। शासन की इस योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन जिले में पशुपालक गौवंश एवं पशुपालन से मुंह मोड़ रहे हैं। इस कारण लगातार गौवंश घट रहा है। इसकी पुष्टि पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़े कर रहे हैं।

संरक्षण में सफलता नहीं: पशु पालन विभाग की गणना में हुई पुष्टि, 2012 में थे 4 लाख से अधिक, 2019 में रह गए 3.36 लाख
वाहन में भरा मवेशी,वाहन में भरा मवेशी,वाहन में भरा मवेशी

सतीश रजक/बालोद. राज्य सरकार गौवंश के संरक्षण को लेकर नीतियां बना रही है। गौशालाएं खोली जा रही हैं। गांव-गांव में गौठान निर्माण कर गोबर व पैरा खरीदा जा रहा है। गौपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। शासन की इस योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन जिले में पशुपालक गौवंश एवं पशुपालन से मुंह मोड़ रहे हैं। इस कारण लगातार गौवंश घट रहा है। इसकी पुष्टि पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़े कर रहे हैं। 2012 में 18वीं पशु समगणना पशुपालन विभाग ने कराई। आंकड़ों को देखेंगे तो पता चलता है कि 4 लाख 10 हजार 997 गौवंश बालोद जिले में था। 2019 की पशु गणना में गौवंश घटकर 3 लाख 36 हजार 477 रह गए हैं। लगभग 74 हजार 520 गौवंश कम हो गए। अब अगली पशु गणना 2024 में होगी। जिस गौवंश को हम गौ माता का दर्जा देते हैं, उसकी तस्करी हो रही है।

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