बड़ी बात यह है कि गांव के भीतर किसी को शराब पीते देखने पर ग्राम प्रमुख को सूचना देने पर उसे इनाम के रूप में 2000 रुपए दिया जाता है। बताने वालों का नाम गोपनीय रखा जाता है। इस तरह के कड़े नियम से गांव में अब लड़ाई झगड़ा गांव में शराब पीने की घटना नहीं होती है। यहां महिलाएं अब आत्म सम्मान के साथ रहती है। इस पहल से यह गांव अन्य के लिए आदर्श बना हुआ है।
वर्तमान में प्राय: हर गांव में लोग शराब के नशे में गांव की महिलाओं के साथ पुरुषों से भी गाली गलौज करते थे। मारपीट, हुड़दंग करते हैं, जिससे गांव का माहौल खराब होता है। इस गांव के ग्रामीणों की यह पहल जिले के अन्य ग्रामीणों के लिए आदर्श व प्रेरणास्रोत बन गई है। सरपंच मुरलीधर भुआर्य ने भी गांव की इस पहल की सराहना की और कहा कि यह हमारे गांव के लिए प्रेरणादायक है। ग्राम हित पर लिया गया फैसला है। इसका बेहतर परिणाम मिलेगा। ग्रामीणों का कहना है कि शराब कई समस्याओं की जड़ है। इसे पूर्ण रूप से बंद करने से कई सामाजिक समस्याएं खत्म हो जाएंगी। सरकार को इस दिशा में कारगर कदम उठाना चाहिए।
ग्राम विकास समिति अध्यक्ष कचरू राम सिन्हा ने बताया कि पहले तो गांव में शराब के नशे में गाली-गलौज, झगड़े की घटनाएं अक्सर होती थीं। ग्रामीणों ने मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने दो माह पहले योजना बनाई। ग्राम प्रमुखों व ग्रामीणों की बैठक लेकर नियम बनाया कि गांव में शराब के नशे में लड़ाई नहीं करनी है। न ही गांव के सार्वजनिक जगहों पर शराब पीना है। इसके अलावा गांव में शराब बेचने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। अगर इस नियम का उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाता है। वर्तमान में ग्रामीणों के इस नियम का कड़ाई से पालन हो रहा है।
ग्राम विकास समिति के संरक्षक हेमू राम साहू, कोषाध्यक्ष राजू कोलियारा, मिथलेश साहू, देवसिंह साहू ने बताया कि यह गांव के हित में निर्णय लिया गया है। हम सभी ग्रामीण चाहते हैं कि गांव एकजुट व शांतिपूर्वक माहौल रहे। दो माह पहले बनाए गए इस ग्राम हित के नियम का पालन आज हर ग्रामीण कर रहा है। हमें खुशी है कि गांव में शराब के नशे में हुड़दंग, मारपीट, हंगामा, गाली-गलौज नहीं होती। कहीं बात बिगडऩे की स्थिति होती है तो उसे ग्राम स्तर पर ही मामले सुलझा लिया जाता है।