scriptपढि़ए CG के इस अनोखे गांव की कहानी, यहां शराब बेचना तो दूर पीने वाले की भी खैर नहीं, पंचायत की सख्ती के आगे बेबस हैं शराबी | alcohol Drinking is banned in Pondi village of Balod district CG | Patrika News
बालोद

पढि़ए CG के इस अनोखे गांव की कहानी, यहां शराब बेचना तो दूर पीने वाले की भी खैर नहीं, पंचायत की सख्ती के आगे बेबस हैं शराबी

liquor ban in chhattisgarh : बालोद जिले के ग्राम पोंडी के ग्रामीणों ने नशाखोरी रोकने के लिए विशेष पहल की है। इस पहल से गांव में अब झगड़ा, लड़ाई व शराब के नशे में मारपीट की घटना नहीं हो रही।

बालोदSep 29, 2020 / 04:21 pm

Dakshi Sahu

पढि़ए CG के इस अनोखे गांव की कहानी, यहां शराब बेचना तो दूर पीने वाले की भी खैर नहीं, पंचायत की सख्ती के आगे बेबस हैं शराबी

पढि़ए CG के इस अनोखे गांव की कहानी, यहां शराब बेचना तो दूर पीने वाले की भी खैर नहीं, पंचायत की सख्ती के आगे बेबस हैं शराबी

बालोद. जिले के ग्राम पोंडी के ग्रामीणों ने नशाखोरी रोकने के लिए विशेष पहल की है। इस पहल से गांव में अब झगड़ा, लड़ाई व शराब के नशे में मारपीट की घटना नहीं हो रही। इसका प्रमुख कारण है कि इस गांव के ग्राम प्रमुख व ग्रामीणों ने मिलकर बैठक की। यह निर्णय लिया कि जो व्यक्ति गांव में शराब पीकर मारपीट या झगड़ा, लड़ाई करेगा तो उसे दंड स्वरूप जुर्माना लगाया जाएगा।
2000 रुपए दिया जाता है इनाम
बड़ी बात यह है कि गांव के भीतर किसी को शराब पीते देखने पर ग्राम प्रमुख को सूचना देने पर उसे इनाम के रूप में 2000 रुपए दिया जाता है। बताने वालों का नाम गोपनीय रखा जाता है। इस तरह के कड़े नियम से गांव में अब लड़ाई झगड़ा गांव में शराब पीने की घटना नहीं होती है। यहां महिलाएं अब आत्म सम्मान के साथ रहती है। इस पहल से यह गांव अन्य के लिए आदर्श बना हुआ है।
अन्य गांव के लिए बना प्रेरणास्रोत
वर्तमान में प्राय: हर गांव में लोग शराब के नशे में गांव की महिलाओं के साथ पुरुषों से भी गाली गलौज करते थे। मारपीट, हुड़दंग करते हैं, जिससे गांव का माहौल खराब होता है। इस गांव के ग्रामीणों की यह पहल जिले के अन्य ग्रामीणों के लिए आदर्श व प्रेरणास्रोत बन गई है। सरपंच मुरलीधर भुआर्य ने भी गांव की इस पहल की सराहना की और कहा कि यह हमारे गांव के लिए प्रेरणादायक है। ग्राम हित पर लिया गया फैसला है। इसका बेहतर परिणाम मिलेगा। ग्रामीणों का कहना है कि शराब कई समस्याओं की जड़ है। इसे पूर्ण रूप से बंद करने से कई सामाजिक समस्याएं खत्म हो जाएंगी। सरकार को इस दिशा में कारगर कदम उठाना चाहिए।
बनाया गया सख्त नियम
ग्राम विकास समिति अध्यक्ष कचरू राम सिन्हा ने बताया कि पहले तो गांव में शराब के नशे में गाली-गलौज, झगड़े की घटनाएं अक्सर होती थीं। ग्रामीणों ने मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने दो माह पहले योजना बनाई। ग्राम प्रमुखों व ग्रामीणों की बैठक लेकर नियम बनाया कि गांव में शराब के नशे में लड़ाई नहीं करनी है। न ही गांव के सार्वजनिक जगहों पर शराब पीना है। इसके अलावा गांव में शराब बेचने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। अगर इस नियम का उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाता है। वर्तमान में ग्रामीणों के इस नियम का कड़ाई से पालन हो रहा है।
गांव के हित में लिया निर्णय, नियम का हो रहा है पालन
ग्राम विकास समिति के संरक्षक हेमू राम साहू, कोषाध्यक्ष राजू कोलियारा, मिथलेश साहू, देवसिंह साहू ने बताया कि यह गांव के हित में निर्णय लिया गया है। हम सभी ग्रामीण चाहते हैं कि गांव एकजुट व शांतिपूर्वक माहौल रहे। दो माह पहले बनाए गए इस ग्राम हित के नियम का पालन आज हर ग्रामीण कर रहा है। हमें खुशी है कि गांव में शराब के नशे में हुड़दंग, मारपीट, हंगामा, गाली-गलौज नहीं होती। कहीं बात बिगडऩे की स्थिति होती है तो उसे ग्राम स्तर पर ही मामले सुलझा लिया जाता है।
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