बालोद

आंगनबाड़ी केंद्र परिसर से मिलेगी बच्चों को ताजी सब्जियों के साथ हरा-भरा माहौल

कमजोर बच्चों को अब सोया पौष्टिक से पुष्ट करने की योजना है। कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने विभाग ने जिले के लगभग 800 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका तैयार करवा रहा है।

बालोदSep 04, 2018 / 12:40 am

Niraj Upadhyay

आंगनबाड़ी केंद्र परिसर से मिलेगी बच्चों को ताजी सब्जियों के साथ हरा-भरा माहौल

बालोद. जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों के अति कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने नई योजना लागू की गई है। जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को पुष्ट करने सोया ग्रान्यूल्स (सोया पौष्टिक) दिया जा रहा है। यही नहीं आंगनबाड़ी के बच्चों को ताजा सब्जी से पौष्टिक देने के लिए जिले के लगभग 800 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बनाई जा रही है। जानकारी दी गई है कि इसके लिए केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सब्जी, भाजी, मुनगा, पपीता, केला, भिंडी, भटा आदि पौधे का रोपण कर रहे हैं। जब ये पौधे तैयार हो जाएंगे, तो इसी पोषण वाटिका से निकली ताजी सब्जियों से केंद्र के बच्चों को सब्जी बनाकर खिलाया जाएगा। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को सलाह दिए हैं अगर आंगनबाड़ी केन्द्रों में खाली जगह हो, तो वहां पर रोपण किया जाए। आदेश पर जिले के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में तो यह पोषण वाटिका तैयार भी हो गया है।
जिले के 1609 बच्चे हैं अति कुपोषित, दिया जा रहा सोया ग्रान्यूल्स
महिला बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश भर में हमारे जिले में कुपोषण की स्थिति ठीक है। यहां कुपोषण की दर मात्र 21 फीसदी ही है। अति कुपोषित बच्चे 1609 है। इन अतिकुपोषित बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने बच्चों को सोया ग्रान्यूल्स का पैकेट रोजाना दिया जा रहा है। यह योजना हाल ही में शुरू की गई है, पर विभाग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस योजना का लाभ बच्चों को मिलेगा जिससे वे कुपोषण से दूर होंगे। बताया जा रहा है कि बच्चे भी सोया ग्रान्यूल्स को बहुत पसन्द कर रहे हैं। विभाग का कहना है जब तक अति कुपोषित बच्चे सुपोषित नहीं हो जाते तब तक इसे देते रहेंगे।
प्रोटीन, एनर्जी, विटामिन से युक्त है सोया ग्रान्यूल्स
महिला बाल विकास की मानें तो सोया ग्रान्यूल्स के पांच ग्राम के पैकेट में प्रोटीन, एनर्जी, विटामिन, आयरन सहित बहुत से पोषक तत्वों से चूर्ण बनाया गया है, जिसे कुपोषित बच्चों को सेवन कराने से बच्चों को सुपोषित करने में बड़ा मददगार साबित होगा। इसे हर दिन एक पैकेट खिलाया जा रहा है। यही नहीं अतिकुपोषित बच्चों को सुपोषण रक्षा सूत्र भी बांधे जा रहे हैं जिससे इन बच्चों की कमजोरी दूर की जा सके। माना जा रहा है कि इससे लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग ला रही है। आने वाले दिनों में बालोद जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाने का का संकल्प भी महिला बाल विकास व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लिया है।
800 केन्द्रों में तैयारी की जाएगी ताजी सब्जियां
महिला बाल विकास विभाग जिले के ऐसे 800 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बना रहे हैं जहां पर खाली जगह हो और वहीं ही सब्जी, केला, मूनगा, भाजी सहित अनेक तरह की सब्जियां आदि का रोपण किया जा रहा है। लगभग सभी केन्द्रों में पोषण वाटिका तैयार हो गई है। आने वाले दिनों में इन्ही वाटिका की सब्जी को तोड़कर बच्चों के लिए बनाएंगे।
1609 अतिकुपोषित बच्चों को मिलेगा लाभ
इस मामले में जिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी सीएस मिश्रा ने कहा यह एक बहुत ही अच्छी पहल है। जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाना है इस कारण जिले के 1609 अतिकुपोषित बच्चों को सुपोषित करने प्रतिदिन सोया ग्रान्यूल्स दिया जा रहा है। बच्चों को ताजी सब्जी मिले इसलिए लगभग 800 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका भी तैयार की जा रही है।

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