छोटे बच्चों पर सितम
दूसरी ओर मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री व विभाग को तेज गर्मी में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की स्थिति पर दया नहीं आ रही है। वे लू भरी हवाओं के बीच हलकान हो रहे हैं। @ patrika. छोटे बच्चे सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर 3.30 बजे तक आंगनबाड़ी केंद्र में रहने को मजबूर हैं। क हा जाए कि शासन-प्रशासन छोटे बच्चों पर सितम ढा रहे हैं। मामले में राज्य शासन ने अभी तक किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया है।
बिना कनेक्शन के आने लगा बिजली बिल
बता दें कि इतनी चिलचिलाती गर्मी के बीच बिना बिजली, बिना पंखे के बच्चे भवनों में बैठते हैं। कई केंद्रों में बिजली मीटर लगा दिया गया है, पर अब भी बिना कनेक्शन के बिजली बिल आने लगा है। इधर बच्चों के पालकों ने मांग की है कि आंगनबाड़ी केंद्रों का समय बदला जाए।
जूते नहीं, नंगे पैर तपती जमीन पर चलकर आते हैं केंद्र
केंद्रों में आने वाले अनेक बच्चों के पैरों में जूते-चप्पल नहीं है। जो नंगे पैर तपती जमीन पर घर जाने को मजबूर होते हैं। जानकारी अनुसार जिले में कुल 1525 आंगनबाड़ी केंद्र है। @ patrika. जहां लगभग 69 हजार बच्चे अध्ययन हैं जिन्हें सुपोषित कराया जाता है, जो रोज सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक आंगनबाड़ी में रहते हैं। इन दिनों तापमान 40 से 42 डिग्री चल रहा है, इतनी तपती धूप में बच्चे नंगे पांव ही आंगनबाड़ी केंद्र आते हैं।
पालकों ने उठाया सवाल?
जिस तेजी से शासकीय व अशासकीय स्कूलों में सुबह 7 बजे से सुबह 11.30 बजे तक स्कूल संचालन का निर्णय लिया वैसे ही निर्णय आंगनबाड़ी में पढऩे वाले बच्चों के लिए लेते, तो इन मासूम बच्चों को तेज धूप में तपने की जरूरत नहीं पड़ती। मामले में पालक गिरधारी ने कहा धूप तेज हो गई है। जब बड़े बच्चों के स्कूलों के समय को बदल दिया गया है तो छोटे बच्चों के आंगनबाड़ी केंद्रों का समय क्यों नहीं बदलते?
बिजली लगी पर, नहीं हुआ कनेक्शन
विभागीय जानकारी के मुताबिक जिले में 1525 आंगनबाड़ी है, पर कई केंद्रों में बिजली तक का कनेक्शन नहीं कराया जा सका है। कई में मीटर लगाया गया है, पर भी कनेक्शन नहीं है। @ patrika. ऐसे में कहा जाए आंगनबाड़ी भवनों में लगाए गए पंखे केवल शोपीस बनकर रह गया है। अधिक गर्मी लगने पर बच्चे पंखे की ओर देखते नजर आते रहते हैं। मामले में पालकों को समझ नहीं आ रहा कि आखिर इतनी गर्मी से कैसे छोटे बच्चों को दोपहर 3.30 बजे तक केंद्र में बैठाना गलत है।
जिम्मेदार खा रहे कार्यालयों में ठंडी हवा
एक तरफ जिले केे जिम्मेदार अधिकारी गर्मी से बचने एसी, कूलर का सहारा लेते हुए कार्यालयों में ठंडी हवा के साथ राहत पा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर आंगनबाडिय़ों में पढऩे वाले बच्चे तेज धूप व गर्मी के बीच बैठने को मजबूर हैं। पर अधिकारियों को बच्चों की परेशानी दिखाई नहीं देती। @ patrika. सुबह 9.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक समय बिता रहे हैं। कई बच्चे तो तेज गर्मी को देखते हुए आंगनबाड़ी नहीं आते, तो लू भरी हवा को देखते हुए पालक ही बच्चों को केंद्र नहीं भेज रहे हैं।
शासन स्तर से आदेश नहीं आया है
महिला एवं बाल विकास विभाग बालोद की परियोजना अधिकारी सीमा सिंह ने कहा अभी आंगनबाड़ी के समय को बदलने का आदेश शासन स्तर से नहीं आया है। इस विषय पर मार्गदर्शन लेने शासन स्तर पर चर्चा की जा रही है।