आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने केंद्र को बंद रख धरना में शामिल हुए। संघ की राज्य महासचिव रुतिशालनी दिलावर ने बताया कि देश में लगभग 6 करोड़ कम वजन के बच्चे पैदा होते है। 45 फीसदी बच्चे बौने रह जाते है। यही नहीं 20 फीसदी बच्चे अतिकुपोषित हो जाते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका केंद्र सरकार द्वारा कुपोषण दूर करने कई योजना बनाई है जिसका पालन आंगनबाड़ी कार्यकर्र्ता व सहायिका करते है। शासन के कई कामों में आंगनबाड़ी सहायिका सहयोग करते हैं।
संघ की मांगों में 45वें श्रम सम्मेलनों के फैसले का लाभ, आईसीडीएस को मजबूत कर आंगनबाड़ी को पालन घर में तब्दील किया जाए। 26 लाख कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, भविष्य निधि व 9 माह का एरियर्स का लाभ तत्काल दिए जाने आदि शामिल है। इस दौरान जिला अध्यक्ष संगीता मानिकपुरी, खेमिन साहू, रंभा पवार, कुलेश्वरी मानिकपुरी, सुनीता मंडावी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व सहायिका उपस्थित थीं।
इस दौरान शराब के नशे में एक युवक आपने को पुलिस कर्मी बताकर आंदोलन स्थल पहुंच गया। उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म कर दो आप लोगों की मांग सरकार ने मान ली है। नशे में मदहोश व्यक्ति के इतने कहने पर उन्हें महिलाओं के आक्रोशका सामना करना पड़ा। बात बिगड़ता देख पुलिस बना व्यक्ति वहां से भाग खड़ा हुआ।