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कागजों में गुम ‘कोटपा

locationबालोदPublished: Feb 23, 2017 10:29:00 am

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vivek

वहीं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचने पर भले ही सरकार की पाबंदी हो, लेकिन थड़ी, ठेले, पान की केबिन से लेकर बड़ी दुकान तक कोई भी इस पाबंदी पर खरा नहीं उतर रहा। बच्चों के हाथों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजें दिखाई पड़ रही हैं। इसके प्रति सरकार के जिम्मेदार महकमे भी कतई गंभीर नह

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धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बावजूद इसके इस पर गंभीरता नहीं बरती जा रही। सरकार की ओर से बनाए गए नियमों का खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर रोक के लिए कोटपा अधिनियम भी कारगर साबित नहीं हो रहा।शहर समेत ग्रामीण इलाकों में जहां देखो वहीं कोटपा नियम की पालना होती नही दिख रही। सार्वजनिक स्थानों पर लोग बेखौफ होकर धुआ उड़ाते दिख रहे हैं। वहीं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचने पर भले ही सरकार की पाबंदी हो, लेकिन थड़ी, ठेले, पान की केबिन से लेकर बड़ी दुकान तक कोई भी इस पाबंदी पर खरा नहीं उतर रहा। बच्चों के हाथों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजें दिखाई पड़ रही हैं। इसके प्रति सरकार के जिम्मेदार महकमे भी कतई गंभीर नहीं दिख रहे हैं। केन्द्र सरकार के सिगरेट व अन्य तंबाबू उत्पाद अधिनियम २००३ (कोटपा) के तहत १८ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाबू उत्पाद बेचने पर पाबंदी लगा रखी है। यह सूचना दुकानों पर चस्पा भी करनी है। इसकी पालना नहीं करने पर जिला स्तरीय कोटपा कमेटी की ओर से गठित टीम दुकानदार पर २०० रुपए का चालान काटने की कार्रवाई कर सकती है। इसके अलावा कोटपा की अलग धाराओं के तहत सार्वजनिक स्थानों व सरकारी कार्यालयों में धूम्रपान करने वालों पर भी चालान काटने की कार्रवाई करने का प्रावधान है। वहीं सिगरेट व अन्य उत्पादों पर ८५ प्रतिशत चेतावनी प्रदर्शित करना अनिवार्य है, लेकिन इन नियमों की पालना करवाने में किसी का ध्यान नहीं जाता।
धूम्रपान से सेहत
को नुकसान
जानकारों ने बताया कि धूम्रपान श्वसन तंत्र के हर हिस्से पर असर करता है। नाक, गला, श्वास नली व फेफड़ों में सूजन आ जाता है। सिगरेट के कागज में टार नाम पदार्थ होता है जो कई बीमारियों को जन्म देता है। फेफड़ों का कैंसर, हार्ट अटैक, अस्थमा, दमा,आदि बढऩे का अंदेशा रहता है।
कलक्ट्री और रोडवेज सब जगह एक सरीखा हाल
कलक्ट्री में जगह-जगह पर धूम्रपान निषेध के चेतावनी बोर्ड तो लगे दिखाई दिए, पर वहां आने वाले फरियादी व कई अधिकारी तथा कर्मचारी धड़ल्ले से धूम्रपान करते भी नजर आए। रोडवेज बस स्टैण्ड काभी कमोबेश यही हाल है। वहां भी धूम्रपान निषेध नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आईं। कहने को तो स्टैण्ड परिसर में धूम्रपान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना वसूला जाता है, लेकिन रेवदर, आबूराड मार्ग के प्लेटफार्म पर यात्रियों को धूम्रपान करते अक्सर दिखाई देते हैं।
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