ग्राम कांडे निवासी 75 वर्षीय राम प्रसाद अपनी 70 साल की पत्नी ब्रिज बाई के हाथ पकड़ व एक हाथ में लाठी लेकर कलक्टोरेट पहुंचे थे। वे कतार में खड़े थे, उन्हें किसी ने पहले अधिकारी से मिलने नहीं दिया। फिर वे कलक्टर कक्ष के पास वेटिंग हाल में जाना चाहा पर यहां तो जनदर्शन कक्ष में इन वृद्ध के आते ही दरवाजा बंद कर दिए, बाद में दरवाजा खोला गया तब अंदर गए और एसडीएम से मुलाकात की। दोनों वृद्ध ने बताया कि दोनों को पेंशन नहीं मिलता और न ही राशन कार्ड है जिससे बड़ी परेशानी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दो बेटे हैं पर दोनों नहीं आते।
जिले में कई वृद्ध ऐसे हैं, जिनकी उम्र 60 से अधिक है। उनका नाम 2002 की सूची में नहीं है ऐसे कई वृद्ध हैं, जिनके बेटे अपने माता-पिता को छोड़ दिए हैं और उम्र के अंतिम पड़ाव में शासकीय योजना से वंचित हैं। तो कई निराश्रित हैं उन्हें भी शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा।जिला कलक्टोरेट में हर जनदर्शन को कई वृद्ध जन सिर्फ पेंशन, आवास, राशन कार्ड की मांग को लेकर आते हैं पर शासन के नियम कानून से जिनको सख्त योजना की जरूरत है वही नहीं मिल पाता। पर इस पर शासन प्रशासन को पहल करना चाहिए क्योकि जिले में कई वृद्ध ऐसे है ंजिनके कोई नहीं है। पर निराश्रित की वजह से योजनाओं का लाभ नहीं मिलता।
शासन की योजना तो अच्छी है पर इन योजनाओं के लाभ के लिए वृद्धजनों को बैंक व् कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वृद्धों को दी जाने वाली पेंशन के लिए अब स्टेट बैंक से पासबुक लेना पड़़ रहा है। और नए पास बुक लेने के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कई वृद्धजनो का पेंशन बीते 2 माह से नहीं मिला है। वहीं इस मामले में समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक नरेंद्र देवांगन ने बताया कि शासन की योजना के अनुसार सभी हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई भी कर रहे है।