बालोद.लापरवाही और खतरे की अनदेखी से कई बार पर्यटन स्थलों पर ऐसी घटनाएं हो चुकी है मगर लोग अपना जीवन खतरे में डालने से नहीं चुक रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण रविवार को फिर सामने आया। ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले शिक्षक ही मनोरंजन के चक्कर में बड़ी गलती कर बैठे और अपने दो साथियों को खो दिया। वहीं किसी ने बेटा, तो कोई पति खो दिया जो जीवनभर पीड़ा छोड़ गए।
नहीं ले रहे सबक
ज्ञात रहे कि जिले के पर्यटन स्थल जलाशय, झरने व अन्य धार्मिक स्थलों पर पहले भी ऐसी ही दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। फिर भी शिक्षित वर्ग भी सबक नहीं ले पा रहे हैं। पुलिस व पर्यटन विभाग के आदेशों का भी पालन करते लोग नहीं दिखते। अपनी जिद व अतिउत्साह से लोग जीवन खतरे में डाल रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण रविवार शाम पिकनिक मनाने गए शिक्षकों के साथ हुई घटना है। इसमें दर्जनभर लोगों से भरी नाव तांदुला जलाशय में पलटने से 2 शिक्षकों की मौत हो गई। इस घटना के पीछे नाविक व शिक्षकों की भारी लापरवाही सामने आई है।
खराब मौसम फिर भी पिकनिक की जिद
जिस दिन ये शिक्षक अपने 10 साथियों के साथ पिकनिक मनाने का निर्णय लिया था उस दिन सुबह से ही मौसम खराब था। सुबह से बारिश हो रही थी। इतने खराब मौसम में भी जलाशय पार कर पिकनिक मनाने जाने का निर्णय भी गलत था। बताया जाता है कि जलाशय पार करते समय भी बारिश हो रही थी, पर सही सलामत पार हो गए। उसके बाद जब वापस आ रहे थे तब झमाझम बारिश शुरू हो चुकी थी और जलाशय का जल स्तर भी काफी तेजी से बढ़ रहा था। तेज हवाएं चल रही थी जिसके कारण नाव में दबाव बढ़ता जा रहा था और नाव में क्षमता से अधिक भार होने के कारण तेजी से उठ रही लहर को नाव संभाल नहीं पाया और लहर का पानी सीधे नाव में भर गया और नाव पलट गई।
4 साल पुरानी नाव में क्षमता से अधिक भार
जानकारी के मुताबिक जिस नाव में ग्राम भेडिय़ानवागांव हायर सेकंडरी स्कूल के 8 शिक्षक 2 अन्य ग्रामीण साथी और 2 नाविकों सहित कुल 12 लोग नाव में सवार थे। जिस नाव में ये लोग जलाशय में सफर कर रहे थे वो नाव 4 साल पुरानी है। उसमें भी क्षमता से अधिक लोग सवार थे। जानकारी के अनुसार इस छोटी लकड़ी की नाव में ज्यादा से ज्यादा 8 लोग सवार हो सकते हैं, पर इस नाव में कुल 12 लोग सवार हो गए थे जिसके कारण जलाशय के लहर को नाव संभाल नहीं पाया और तेज लहर से नाव में पानी भर जाने के कारण वह पलट गई।