10 सदस्यीय टीम ने 17 दिन जुटी रही जांच में
पुलिस अधिक्षक दीपक झा ने आरोपी को पकडऩे के लिए 10 सदस्यी टीम बनाई थी, जिसमें दल्ली राजहरा थाना प्रभारी, डौंडी थाना प्रभारी, महामाया थाना प्रभारी सहित कुल 10 की टीम घटना के दिन से लगातार 17 दिनों तक आरोपी की तलाश की, तब संदेह पर नाबालिग से पूछताछ में अपना गुनाह काबुल किया। पुलिस आरोपी नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह में रखा है।
पुलिस अधिक्षक दीपक झा ने आरोपी को पकडऩे के लिए 10 सदस्यी टीम बनाई थी, जिसमें दल्ली राजहरा थाना प्रभारी, डौंडी थाना प्रभारी, महामाया थाना प्रभारी सहित कुल 10 की टीम घटना के दिन से लगातार 17 दिनों तक आरोपी की तलाश की, तब संदेह पर नाबालिग से पूछताछ में अपना गुनाह काबुल किया। पुलिस आरोपी नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह में रखा है।
इधर बदला लेने की नियत से नाबालिग आरोपी ने 24 अक्टूबर की रात फिर गांव आया और समझाने वाले धीरज के परिवार को खत्म करने की साजिश रची जिसके लिए आरोपी ने बाकायदा अपने घर से एक ताला, जीआई तार, 2 लीटर पेट्रोल लाया था, उसके बाद पीडि़त के घर से ही पटाखा, सुतली बम, टेस्टर, पेंचकस, माचिस लेकर आया।
ये योजना आरोपी ने पहले ही बना ली थी। धीरज के परिवार के सोते ही आरोपी ने घर में ताला लगाया, फिर पेट्रोल छिड़का और घर के चारों ओर तार लगा दिया जिसका कनेक्शन मेन फेस से जोड़ दिया और माचिस मारकर घर को आग के हवाले कर दिया था।
एएसपी जेआर ठाकुर ने बताया लड़की को गांव के धीरज मरकाम ने कुछ बोल दिया था, जिसके बाद लड़की ने अपने प्रेमी आरोपी माखन लाल को बता दिया और फिर प्रेमी ने 20 अक्टूबर की रात में धीरज मरकाम को समझाने आया, इधर धीरज भी अपने साथ 4 दोस्त को लेकर गया था, कि धीरज ने लकड़ी से छेड़छाड़ नहीं करने की बात प्रेमी से कही तो दोनों पक्षों के साथ जमकर विवाद हो गया था जिसके बाद आरोपी नाबालिग वापस अपने गांव चला गया।
मामले के अनुसार नाबालिग लड़के का गांव की एक लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी मामले को विवाद हुआ था। पुलिस के इस खुलासे से पता चला कि आरोपी नाबालिग माखन लाल कुरेटि (बदला हुआ नाम) डौंडी ब्लॉक के ग्राम अकोला का रहने वाला है, जिसका ग्राम कोटागांव की लड़की पूर्णिमा सिंह (बदला हुआ नाम) से प्रेम प्रसंग चला रहा था।