scriptमासूम बेटी से किया था अप्रैल में आने का वादा, उससे पहले तिरंगे में लिपटकर घर पहुंच गया शहीद पिता | Balod district soldier killed in Sukma Maoist attack Chhattisgarh | Patrika News

मासूम बेटी से किया था अप्रैल में आने का वादा, उससे पहले तिरंगे में लिपटकर घर पहुंच गया शहीद पिता

locationबालोदPublished: Mar 23, 2020 01:27:05 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

सुकमा नक्सली हमले में शहीद बालोद जिले के एसटीएफ जवान नारद निषाद का सोमवार दोपहर पार्थिव देह उनके ग्राम सिवनी पहुंचेगा। ( Maoist attack in SukmaChhattisgarh)

मासूम बेटी से किया था अप्रैल में आने का वादा, उससे पहले तिरंगे में लिपटकर घर पहुंच गया शहीद पिता

मासूम बेटी से किया था अप्रैल में आने का वादा, उससे पहले तिरंगे में लिपटकर घर पहुंच गया शहीद पिता

बालोद. सुकमा नक्सली हमले में शहीद बालोद जिले के एसटीएफ जवान (STF soldier martyr in sukma) नारद निषाद का सोमवार दोपहर पार्थिव देह उनके ग्राम सिवनी पहुंचेगा। शहीद का पार्थिव देह कांकेर से निकल गया है। बालोद पुलिस ने बताया कि शहीद की अंतिम यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई है। कोरोना के संक्रमण के चलते भीड़ ज्यादा न हो इस बात का ख्याल रखा जाएगा। 42 वर्षीय शहीद जवान की शहादत की खबर लेकर रविवार शाम जब एसडीओपी अमर सिदार गांव पहुंचे तो पूरे गांव में मातम पसर गया। एसडीओपी ने बताया कि आज गार्ड ऑफ आनर देकर जवान को अंतिम विदाई दी जाएगी। सुकमा में हुए माओवादी मुठभेड़ में रविवार को 17 जवान शहीद हो गए थे। वहीं 15 जवान अभी भी घायल हैं। जिनमे दो ही हालत नाजुक है।
मासूम बेटी से किया था अप्रैल में आने का वादा, उससे पहले तिरंगे में लिपटकर घर पहुंच गया शहीद पिता
श्रद्धांजलि देने सुकमा पहुंचे सीएम
माओवादी मुठभेड़ में शहीद 17 जवानों को सीएम भूपेश बघेल ने सुकमा पुलिस लाइन पहुंचकर सोमवार को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। सीएम ने शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। वहीं उनके परिवार वालों से कहा कि सरकार दु:ख की इस घड़ी में उनके साथ है।
18 साल पहले ज्वाइन किया था फोर्स
बालोद जिले के शहीद जवान नारद के परिजनों ने बताया कि 18 साल पहले नारद ने फोर्स ज्वाइन किया था। पहली पोस्टिंग एसटीएफ बघेरा दुर्ग में हुई। जिसके बाद लगातार माओवाद प्रभावित दंतेवाड़ा, सुकमा क्षेत्र में सेवा दे रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि नारद बचपन से ही फोर्स में जाना चाहता था। देशभक्ति उसके अंदर कूट-कूटकर भरी थी। इतने कम उम्र में जवान बेटे को ऐसी विदाई देनी पड़ेगी हमे नहीं पता था।
बेटी से किया था जल्दी आने का वादा
शहीद एसटीएफ जवान नारद की 9 साल की बेटी और 15 साल का बेटा है। जवान ने आखिरी बार फरवरी में घर आया था। परिजनों ने बताया कि नारद ने बेटी से अप्रैल में घर आने का वादा किया था। पिता के घर लौटने के पहले ही उसकी शहादत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है। 70 वर्षीय बूढ़ी मां रमा बाई का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। शहीद की पत्नी व दोनों बच्चों को संभालने में पूरा परिवार जुटा रहा। पिता के निधन के बाद दोनों भाई मिलकर परिवार चलाते थे। भाई की शहादत की खबर सुनकर वो भी मौन हो गया है।
युवाओं को करते थे देश सेवा के लिए प्रेरित
ग्राम पंचायत सिवनी के सरपंच दानेश्वर सिन्हा ने बताया कि शहीद जवान नारद जब भी छुट्टी पर घर लौटता था तो गांव के युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करता था। देशसेवा और सेना से जुडऩे के अवसरों के बारे में युवाओं को जानकारी देता था। नारद की शहादत से पूरा गांव गम में डूब गया है। हमे गर्व है कि हमारे गांव का लाड़ला बेटा मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। हम सरकार से मांग करते हैं कि नक्सलियों के खिलाफ अब ठोस कदम उठाते हुए निर्णायक लड़ाई लड़े।
महिला बाल विकास मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
कोरोना वायरस के संक्रमण और जनता कफ्र्यू के चलते शहीद की अंतिम यात्रा में कम से कम लोगों को शामिल होने का आग्रह किया गया है। ऐसे में क्षेत्र की विधायक और महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा, गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद, बालोद विधायक संगीता सिन्हा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।

ट्रेंडिंग वीडियो