प्रत्यक्ष फोटो व ग्रामीण स्थिति बंया कर रहे हैं। ऐसे में शासन के पैसे का पूरी तरह दुरूपयोग ही कहा जाए। जानकारी अनुसार खेरथा बाजार से ग्राम आसरा तक केवल तीन दिनों में काम पूरा कर पैसों का बदंरबाट किया जा रहा है, जिसका न ही कोई सूचना बोर्ड लगाया गया है और न ही कोई विभागीय अधिकारी, इंजीनियर कार्यस्थल पर देखा गया।
ठेकेदार के अकुशल कर्मचारियों के भरोसे काम कराया जा रहा है। मामले में ग्रामीणों के अनुसार ये बात सामने आ रही है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य कराकर पुन: मार्ग का नया टेंडर कराकर शासन को चुना लगाने में जुटे हुए हैं। काम के स्तर पर ग्रामीणों द्वारा उंगलियां उठाने पर डामरीकरण में लगे मजदूरों द्वारा ग्रामीणों के साथ गलत बर्ताव किया जाता है।
ग्रामीणों की परेशानी दूर करने के लिए मांग पर बनाई जा रही सड़क पर किया जा डामरीकरण सड़क पर सही तरह से चिपक ही नहीं पा रहा है। गड़बड़ी ऐसी कि डामर-रेत की परत डालने के बाद तत्काल रोलर से चिपकर डामर की परत उखड़कर बाहर आ जा रही है। मामले की जानकारी काम पर लगे मजदूरों को देने पर वे बात की अनसुनी कर काम पुन: किए जाने की बात कर आगे बढ़ जा रहे हैं।
कुछ कहो तो झिड़क देते हैं ठेकेदार लोग
ग्रामीणों ने बताया इस तरह का रिनिवल सड़क निर्माण किस काम की। यह तो थूक पालिश है। सड़क को डामरीकरण से दुरूस्त करने की बजाय परेशानी पैदा की जा रही है। वहीं सड़क निर्माण के दौरान ग्रामीणों की मांग पर स्पीड ब्रेकर बनाने की बात पर उल्टा ग्रामीणों को ही झिड़क दे रहे हैं। कहते हैं कि सरपंच के माध्यम से लिखित जानकारी बालोद जा कर देवें। यह स्थिति कार्य स्थल पर जिम्मेदार अधिकारियों के नदारत रहने से बन रही है।
ग्रामीणों ने बताया इस तरह का रिनिवल सड़क निर्माण किस काम की। यह तो थूक पालिश है। सड़क को डामरीकरण से दुरूस्त करने की बजाय परेशानी पैदा की जा रही है। वहीं सड़क निर्माण के दौरान ग्रामीणों की मांग पर स्पीड ब्रेकर बनाने की बात पर उल्टा ग्रामीणों को ही झिड़क दे रहे हैं। कहते हैं कि सरपंच के माध्यम से लिखित जानकारी बालोद जा कर देवें। यह स्थिति कार्य स्थल पर जिम्मेदार अधिकारियों के नदारत रहने से बन रही है।
ग्रामीण बरातू, अवधेश, मंगतीन, अनिल ठाकुर, मिलिंद, पुनिया बाई ने कहा लोक निर्माण विभाग केवल खानापूर्ति के लिए सड़क का डमरीकरण करवा रहा है। अधूरे काम का पूरा पैसा जारी कर दिया जाएगा। उनका कहना है ऐसे कामों का ग्रामीणों से रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए। पंचायत से भी गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी की जानी चाहिए, तब ठेकेदार को भुगतान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा वस्तु स्थिति देखी जाए तो शाम को डामर की परत बिछाई जा रही है और २४ घंटे नहीं बीते और तत्काल उखड़ कर बाहर आ जा रही है। ऐसे में रिनिवल कार्य का नाम देकर ग्रामीणों के साथ छलावा किया जा रहा है। पीडब्लूडी, एसडीओ बीके गोटी ने बताया कि रिनिवल का कार्य हो रहा है। 2600 मीटर की दूरी है, जिसकी लागत 21 लाख रुपए है जिसको अप्रैल 2017 से नवंबर 2017 तक बनाकर देना है। यदि सड़क खराब बन रही है तो ठेकेदार द्वारा तीन साल तक गारंटी समय में संधारण किया जाएगा।