भोज साहू ने बताया कि वह व उनका परिवार एक माह से तैयारी कर रहे हैं, जो लगभग पूरा हो गया है। उन्होंने अनार, करंज, अर्जुन आदि के बीज इक_े किए हैं। उसे मिट्टी से बॉल आकार बनाकर रख दिया है। उन्होंने बताया कि मानसून में वक्त है। अभी बिटबाल बनाने की तैयारी भी लगभग पूरी कर ली है। वर्तमान में लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो रही है। हर व्यक्ति अपने अनुसार इस तरह की पहल करे तो पर्यावरण सुधर जाएगा।
सीड बॉल तैयार करने सबसे पहले बीज इक_ा करना होगा। उपजाऊ मिट्टी के साथ गोबर या कम्पोस्ट खाद की बराबार मात्रा में मिश्रण तैयार कर गीला किया जाता है। उसे लड्डू के रूप में बनाकर बीचोबीच बीज डालकर बंद कर दिया जाता है। ऐसे जगह रखकर सुखाया जाता है जहां सूरज की किरण न पहुंच सके। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि धूप की किरण नहीं पडऩे से गीली मिट्टी के बीच में रहने के बाद भी बीज अंकुरित नहीं होता है। सीड बॉल को पूर्ण रूप से सूख जाने पर अपने हिसाब से खाली पड़े स्थानों पर बारिश के मौसम में छोड़ दिया जाता है। मिट्टी जैसे ही गीली होती है बीज अंकुरित हो जाएगा और नए पौधे तैयार हो जाएंगे।