डौंडीलोहारा विकासखंड के बड़े जुंगेरा के जंगल में अवैध कब्जा करने पर वन विभाग की डीएफओ ने संत रामबालक दास को नोटिस जारी किया है। कब्जा नहीं हटाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। इसके बाद से प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। बुधवार को जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों के साथ संत रामबालक दास की एक अहम बैठक हो रही है। इधर संत ने इस मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर से भी चर्चा की है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि मामले को शांति से सुलझाया जाएगा।
बालोद डीएफओ सतोविशा समाजदार ने बताया कि जंगल के अंदर बिना अनुमति निर्माण करना गलत है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। कोई दुर्भावना व द्वेष से कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। नियम के तहत कार्रवाई कर रहे हैं। जो निर्माण हुआ है उसकी अनुमति पत्र दिखा दें। विभाग कोई कार्रवाई नहीं करेगा। हमने सिर्फ दस्तावेज और जानकारी मांगी है।
डौंडीलोहारा वन परिक्षेत्र अधिकारी जेएल सिन्हा के मुताबिक 9 फरवरी 2006 को श्रीराम जानकी दास महात्यागी, 5 जुलाई 2017 को संत रामबालक दास और 8 जून 2019 को संत रामबालक दास के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। जो अभी विचाराधीन है। वन विभाग ने 4.065 हेक्टेयर की कब्जे की जमीन की कीमत 32 लाख रुपए से ज्यादा आंकी है। वन विभाग बालोद के एसडीओ डीके सिंह ने बताया कि बड़े जुंगेरा की 24 अक्टूबर को हुई ग्राम सभा में पाटेश्वरधाम आश्रम की संपत्ति को अपने कब्जे में लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है।