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बोरी-सेमरिया की पुलिया बाढ़ में बही, 5 दिन से आवागमन बंद

locationबालोदPublished: Sep 01, 2018 11:50:30 pm

जिले के बालोद ब्लॉक के ग्राम बोरी-सेमरिया नाले में बाढ़ आने से पुलिया ही बह गई। इस पुलिया की मरम्मत बीते साल ही की गई थी। अब पानी में ही बह गई है, जिससे सड़क ही कट गई है।

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बोरी-सेमरिया की पुलिया बाढ़ में बही, 5 दिन से आवागमन बंद

बालोद. जिले के बालोद ब्लॉक के ग्राम बोरी-सेमरिया नाले में बाढ़ आने से पुलिया ही बह गई। इस पुलिया की मरम्मत बीते साल ही की गई थी। अब पानी में ही बह गई है, जिससे सड़क ही कट गई है। छोटे पुलिया को तोड़कर नया पुल बनाने की मांग ग्राम बोरी व आसपास के ग्रामीण 15 वर्षों से कर रहे हैं लेकिन शासन-प्रशासन इसकी सुध तक नही ले रहा है, जिसके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। हर साल बारिश के दिनों में इस नाले में बाढ़ आ जाने पर यह पुलिया डूब जाती है और यह मार्ग सप्ताहभर तक बंद हो गया है। बड़़े वाहनों का आना जाना भी बंद हो गया है।
जनदर्शन में मुख्यमंत्री के पास भी रख चुके हैं मांग
ग्राम बोरी निवासी नारद सेन ने बताया कि ग्रामीणों की सिर्फ एक ही मांग है और वो सिर्फ हरहाल में बोरी-सेमरिया नाला पर पुल के निर्माण की है। इसके लिए जनदर्शन में मुख्यमंत्री के पास भी मांग कर चुके हैं। ग्रामीणों को तगड़ा झटका लगा जब प्रदेश के पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने इन ग्रामीणों को अश्वासन दिया था कि सेमरिया नाला में पुल के निर्माण के लिए प्रयास करेंगे पर मंत्री का आश्वासन भी कुछ काम नहीं आया। लोगों ने मंत्री से अपना वादा पूरा करने की मांग की है।
विधायक ने भी कई बार लिखा पत्र
इधर विधायक भैया राम सिन्हा ने भी कई बार इस नाले में पुल बनाने शासन तक को पत्र भेजा, लेकिन अब तक कुछ पहल नहीं हुई। इधर अब मार्ग टूट जाने से बसों का चलना भी बंद हो गया है। इस मार्ग से कोई भी चारपहिया वाहन नहीं गुजर सकता। रात के समय सफर की खतरे से कम नहीं है क्योकि पुलिया टूटने से 5 फीट का गड्ढा हो गया है।
20 गांव का मुख्य मार्ग है, पुल नहीं से हो गया बंद
जनपद सदस्य लता देवी साहू व ग्राम पंचायत खपरी सरपंच ज्ञान चंद सोरी ने बताया कि ग्राम बोरी सेमरिया नाला में बने जर्जर व छोटे पुल से होकर 20 गांव के लोग जिला मुख्यालय जाते हंै सैकड़ों बेटियां पढ़ाई करने व अन्य शासकीय कार्य से बालोद, लाटाबोड़, बेलौदी जाते हंै पर पुलिया डूब जाने के बाद तो मार्ग ही बन्द हो जाता है जिससे छात्र छात्राएं पढ़ाई करने स्कूल-कॉलेज नहीं जा पाते। बता दें कि हर साल बाढ़ में पुलिया बह जाता है। विभाग ने 15 सालों में सिर्फ टूटी पुलिया को बनाने करोड़ों रुपए खर्च कर डाले हैं। उतनी लागत में नया पुल बन कर तैयार हो जाता। बीते साल ग्रामीणों ने नाले में पुल बनाने के लिए हड़ताल की थी। पीडब्ल्यूडी ने आश्वासन दिया था कि हर हाल में 2017 में पुल बनाने का प्रयास किया जाएगा पर अभी तक सिर्फ ग्रामीणों को आश्वासन मिला।
पुल बनाने प्रस्ताव शासन को भेजा
वहीं इस मामले में प्रधानमंत्री सड़क योजना के ईई सुनील नामदेव ने बताया कि इस नाले से होने वाली परेशानी से अवगत हूं। परेशानी को देखते हुए इस नाले में बड़ा पुल बनाने प्रस्ताव भेजा है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी पुल का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल उखड़े गडढों में मुरुम डालने के आदेश दिए हैं जल्द ही पुलिया की मरम्मत की जाएगी।
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