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सात की बजाय बीते 13 दिन तब भी तैयार नहीं हुआ जांच प्रतिवेदन

locationबालोदPublished: Aug 23, 2018 11:08:36 pm

Submitted by:

Bhuwan Sahu

डीएवी इस्पात सीनियर सेकंडरी स्कूल में बीपीएल की सीटों का बंदरबांट एवं पालकों से अधिक फीस वसूले जाने के मामले में शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं।

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सात की बजाय बीते 13 दिन तब भी तैयार नहीं हुआ जांच प्रतिवेदन

दल्लीराजहरा. नगर के डीएवी इस्पात सीनियर सेकंडरी स्कूल में बीपीएल की सीटों का बंदरबांट एवं पालकों से अधिक फीस वसूले जाने के मामले में शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए जांच दल गठित कर डौंडी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें 7 दिनों के अंदर बिंदुवार जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया था, पर दो सप्ताह में प्रतिवेदन तैयार नहीं हो पाया है।
गौरतलब हो कि डीएवी इस्पात स्कूल दल्लीराजहरा मेंं बीपीएल श्रेणी के लिए आरक्षित 30 सीटों में से 18 सीटों पर बीपीएल परिवार के बच्चों के प्रवेश में गड़बड़ी व चालू सत्र में सीबीएसई एवं शासन के मापदंडों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए अत्यधिक फीस वृद्धि कर दी गई है। मामले की शिकायत पालकों ने शिक्षा अधिकारी व सीबीएसपी बोर्ड से की है।
पालकों को नहीं देते फीस की स्पष्ट जानकारी : ज्ञात रहे इस स्कूल में विवाद का मामला थमता नहीं दिख रहा है। कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में भाजपा जिला महामंत्री मुस्ताक अहमद अंसारी ने डीएवी इस्पात स्कूल में बीपीएल की सीटों का बंदरबांट किए जाने की शिकायत के अलावा यहां सीबीएसई एवं शासन के मापदंडों का उल्लंघन करते हुए पालकों से अधिक फीस वसूली का विरोध किया गया था। इस मामले में पिछले तीन सत्र की फीस का लिखित रिकार्ड मांगने पर स्कूल प्रबंधन व प्राचार्य कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराया। फीस की भी स्पष्ट जानकारी पालकों को नहीं दी जा रही है।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कलक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने डौंडी के शिक्षा अधिकारी को जांच कर 7 दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। अंसारी ने कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर को डीएवी स्कूल की शिकायत 17 मई, 12 जुलाई एवं 9 अगस्त को की थी। पर अब तक जांच पूरी नहीं की जा सकी है। शिकायतकर्ता ने कहा कि गलत जानकारी के लिए प्राचार्य द्वारा स्कूल के बैनर का उपयोग करना निंदनीय है। जब से दल्लीराजहरा में उक्त स्कूल आरंभ हुआ है तब से स्कूल के प्राचार्य की जिम्मेदारी एक ही व्यक्ति द्वारा संभाली जा रही है। स्कूल प्रबंधन बार-बार यहां विवाद की परिस्थिति निर्मित की जा रही है। जांच दल गठित करने पर डीइओ की पहल का स्वागत किया है।
1३ दिनों में तैयार नहीं हो पाया जांच प्रतिवेदन

विदित हो कि उक्त शिकायत व मांग पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा 10 अगस्त को विकासखंड शिक्षा अधिकारी को शिकायत की बिंदुवार जांच कर प्रतिवेदन 7 दिनों के भीतर कार्यालय को प्रस्तुत करने कहा था, लेकिन मामले में अब तक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने में देरी की जा रही है। आज १३ दिन हो चुके हैं। मामले में बीइओ आरआर ठाकुर ने कहा कि उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी से बिंदुवार जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश प्राप्त हुआ था, जिस पर उन्होंने एबीइओ को जांच करने व रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। तीन-चार दिनों में जांच रिपोर्ट आ जाएगी।
प्राचार्य की कार्यप्रणाली रही विवादों में

दल्लीराजहरा. इधर डीएवी स्कूल की कार्यप्रणाली को लेकर प्राचार्य पर लगातार उंगलियां उठती रही है। नए सत्र में भी यही स्थिति निर्मित हुई है। इसी को देखते हुए प्रबंधन समिति ने वर्तमान प्राचार्य सीएम पांडेय का स्थानांतरण कर दिया। पर उनके चहेते श्रमिक संगठन व विरोधी खेमे के बीच नया विवाद पैदा हो गया। स्थानांतरण गलत : संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के संयुक्त खदान मजदूर संघ, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ, हिन्दुस्तान स्टील एंपलाइज यूनियन एवं छग इंटक के पदाधिकारियों ने महाप्रबंधक को बताया है कि खदान कर्मचारियों व अधिकारियों के बच्चों को शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ट्रेड यूनियनों की सहमति एवं सहयोग से डीएवी स्कूल को राजहरा में लाया गया। स्कूल की स्थिति संतोषप्रद है। चर्चा में इंटक अध्यक्ष अभय सिंह ने कहा प्राचार्य सीएम पांडेय का स्थानांतरण गलत है।
स्थानांतरण एक सतत प्रक्रिया : इधर भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध खदान मजदूर संघ के महामंत्री एमपी सिंह ने महाप्रबंधक से कहा कि डीएवी इस्पात स्कूल के प्राचार्य का स्थानांतरण प्रबंधन समिति द्वारा जारी आदेश के तहत तय किया गया है। इस आदेश के विरोध में राजहरा खदान समूह में कार्यरत कुछ श्रम संगठनों के नेता संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के बैनर तले अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए स्थानांतरण आदेश निरस्त करवाने माइंस में उत्पादन बंद करने की बात कहकर दबाव बनाया है।
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