फेसबुक, वाट्सऐप और मोबाइल के लिए पड़ी है सारी उम्र
कलक्टर किरण कौशल ने कार्यक्रम में दसवीं एवं बारहवीं के छात्र-छात्राओं को आगे कहा कि फेसबुक, वाट्सऐप और मोबाइल के लिए तो सारी उम्र पड़ी है। इन सभी चीजों से ऊपर उठ कर हमको कुछ करना है। आप सिर्फ अपनी जिम्मेदारी उठाएं। तब आप अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा सकते हैं। कलक्टर किरण ने अपने जीवन से जुड़ी बातें छात्र-छात्राओं से शेयर करती हुईं कहीं कि वह कवर्धा के शिशु मंदिर में पढ़ती थी। उन्हें अंग्रेजी सब्जेक्ट की पढ़ाई करनी थी, सरकारी स्कूल के एक रिटायर्ड शिक्षक गुप्ता सर से एक्स्ट्रा क्लास लेकर अंग्रेजी का कोर्स पूरा किया।
दिए बेहतर एग्जाम देने के दिए टिप्स
इस दौरान कलक्टर कौशल ने बच्चों को बेहतर एग्जाम देने टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि एग्जाम में हैंडराइटिंग को जरूर ध्यान दीजिए। लिख-लिख के रटे, इम्पोर्टेन्ट प्रश्नों को बार-बार रिवीजन करें। जिस प्रश्न का उत्तर हमें नहीं मालूम उसकी जगह बकवास और अनर्गल बातें मत लिखिए। एक छात्रा ने कलक्टर से पूछा कि क्या आप बचपन से ही कलक्टर बनना चाहती थीं..? जिसके जवाब में कौशल ने कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती थीं, फिर सीए। कितने घंटे की बढ़ाई के जवाब में कलक्टर ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि पढ़ाई कितने घंटे करना ये मायने नहीं रखता बल्कि उसे समझना होता है।
सवालों का जवाब देते बताया 20 दिन में मेंस की पढ़ाई कर दिया एग्जाम
जानकारी दी कि मुझे 26 साल की उम्र में लगा कि मैं कलक्टर बन सकती हूं। इसीलिए एक्सीडेंटल कलक्टर बन गई। एक और छात्रा ने कलक्टर किरण से पूछा कि अभी से मैं क्या करूं जो आपकी तरह आईएएस बन सकू..? जिसके जवाब में कौशल ने कहा कि सभी सब्जेक्ट की बेसिक चीजों को समझिए। न्यूज पेपर देखते रहिए, पढ़ते रहिए। सिविल सर्विसेज की बेसिक जनरल नॉलेज को पढ़ें। अंग्रेजी अच्छी करने के लिए इंग्लिश पेपर को पढ़ें।
ब्लेम किसी पर नहीं करना
कलक्टर किरण कौशल ने मोटिवेशनल कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को मोटिवेट करते हुए आगे कहा कि किसी भी चीजों में ब्लेम किसी को नहीं करना हैं। हार भी है तो हमारी है, जीत भी है तो हमारी है। कलक्टर ने सभी छात्र-छात्राओं की तारीफ करते हुए कहा कि यहां बैठे हर बच्चों ने मेरी बातों को गंभीरता से सुना है। मैं सबके चेहरे देख रही थी। जब मजाकिया अंदाज में कौशल ने छात्राओं व महिला प्राचार्यों से पूछा कि क्या आप घरों में बर्तन धोती हैं?
इस सवाल पर मुस्कुराईं महिला शिक्षक
जब यही सवाल कलक्टर ने आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त माया वारियर से पूछा तो उन्होंने कहा कि हां, रात में धोती हूं..। जिला शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित मेधावी छात्रों के मोटिवेशनल प्रोग्राम में जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे, जिला राष्ट्रीय शिक्षा मिशन से असीमा चटर्जी, एबीओ एवं जिले के पांचों विकासखंड से 105 छात्र-छात्राएं व 54 प्राचार्य शामिल हुए।