scriptबालोद जिला अस्पताल में खुलेगा कैंसर वार्ड, होगा इलाज | Cancer ward will open in Balod District Hospital, will be treated | Patrika News

बालोद जिला अस्पताल में खुलेगा कैंसर वार्ड, होगा इलाज

locationबालोदPublished: Feb 26, 2020 12:23:09 am

बालोद जिला अस्पताल में अब अन्य निजी अस्पतालों की तर्ज पर कैंसर का भी इलाज हो सकेगा। यहां अलग से कैंसर यूनिट भी खुलेगी। सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने बताया कि यह यूनिट जल्द खोली जाएगी। उन्होंने यह जिला अस्पताल में आयोजित कैंसर शिविर में कही।

बालोद जिला अस्पताल में खुलेगा कैंसर वार्ड, होगा इलाज

बालोद जिला अस्पताल में खुलेगा कैंसर वार्ड, होगा इलाज

बालोद @ patrika . जिला अस्पताल में अब अन्य निजी अस्पतालों की तर्ज पर कैंसर का भी इलाज हो सकेगा। यहां अलग से कैंसर यूनिट भी खुलेगी। सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने बताया कि यह यूनिट जल्द खोली जाएगी। उन्होंने यह जिला अस्पताल में आयोजित कैंसर शिविर में कही। @ patrika . शिविर में डौण्डी, गुंडरदेही व बालोद के आठ कैंसर पीडि़त पहुंचे। उज्जैन से आए विशेषज्ञ डॉ दिनेश पेंढारकर ने परीक्षण कर इलाज की प्रक्रिया बताई। अब जिले के लोगों को कैंसर के निजी अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका इलाज यहीं पर हो सकेगा।
डॉ दिनेश पेंढारकर कैंसर के खिलाफ चला रहे अभियान
डॉ दिनेश पेंढारकर कैंसर के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वे बिना किसी शुल्क के कैंसर पीडि़तों का इलाज करते हैं। देश को कैंसर मुक्त करना चाहते हैं। इसी अभियान के तहत ही हर जिला अस्पताल के एक डॉक्टर को ट्रेनिंग देकर कैंसर पीडि़तों का इलाज करवा रहे है। जिले के डॉ अभिषेक बंजारे को भी उन्होंने ट्रेनिंग दी है।
कीमोथेरेपी की सुविधा
जिला अस्पताल में कीमोथेरेपी की सुविधा भी मिलेगी। उपलब्ध दवाइयों के आधार पर कैंसर पीडि़तों की कीमोथेरेपी प्रशिक्षित डॉक्टर और स्टाफ नर्स करेंगे। यह सुविधा अब तक जिले में कहीं भी नहीं थी। लोगों को बड़े शहर जाना पड़ता था। कीमोथेरेपी के जरिए मरीज को ऑपरेशन करवाने की भी जरूरत नहीं पड़ती।
मरीज सीधे करवा सकता है पंजीयन
जिला अस्पताल के ही डॉ.बंजारे को कैंसर विशेषज्ञ के तौर पर सेवा देंगे। स्टाफ नर्स पूजा कलिहारी और कविता को उज्जैन के रिसर्च सेंटर में एक माह की ट्रेनिंग दी गई है। तीनों के जरिए ही कैंसर यूनिट का संचलन किया जाएगा। डॉ बंजारे ने बताया कि प्रचार-प्रसार कर मरीज तलाशेंगे। मरीज सीधे अस्पताल आकर पंजीयन करवा सकते हैं।
निजी अस्पतालों में खर्च करना पड़ता है लाखों
जो लोग कैंसर के इलाज में लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। निजी अस्पतालों में अगर इलाज करवाए तो 5 लाख रुपए तक खर्च आ जाता है। एक की दवाई एक लाख रुपए में मिलती है, जो उन्हें मुफ्त में दी जाएगी।

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