नए सॉफ्टवेयर के कारण भू-स्वामियों का कोई भी काम नहीं हो रहा हैं। वहीं पटवारियों की मुसीबत बढ़ गई है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर क्या करें? सॉफ्टवेयर बदल दिए जाने के कारण राजस्व रिकार्ड में नाम संशोधन, बंटाकन जैसे काम अटक गए हैं। बीते दिनों इस साप्टवेयर से हो रही परेशानी को लेकर एसडीएम व तहसीलदार को भी ज्ञापन सौंपा जा चुका है। नए साफ्टवेयर से एक आवेदन को भरने में एक से डेढ़ घण्टे लग रहा है।
बता दें कि अगर किसी भी भू-स्वामी को जमीन संबंधी काम कराने के लिए पहले तहसीलदार को आवेदन देना होगा। इसके बाद पटवारी संबंधित काम करेंगे। इस प्रक्रिया से भूस्वामियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
बताया जाता है कि पटवारियों द्वारा 2014 के अनुसार समस्त शासकीय दस्तावेज भू स्वामी के जमीन का रिकार्ड अॅाफलाइन संशोधन किया गया था। जिसमें ऑनलाइन भुंइया कार्यक्रम के लिए करना था। यह सिस्टम अपलोड साल 2008-09 के तहत कर दिया है। इस वजह से भू स्वामियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भुंइया कार्यक्रम के तहत राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया 5 साल से चल रही है। अभी तक ऑनलाइन नहीं हो पाई है। अब तो स्थिति यह है कि अभी तक राजस्व रिकार्ड ऑनलाइन नहीं हो पाया है।
राजस्व विभाग द्वारा जिले के सभी पटवारियों को इस नए वर्जन के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है लेकिन इस सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए बताई गई जानकारी किसी के पल्ले नहीं पड़ रही। किसान अपने जमीन का संशोधन नहीं करा पा रहे हैं। यही नहीं रोजाना 20 से 25 लोग तहसील कार्यालय व पटवारी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं।
एसडीएम हरेश मंडावी ने कहा नए सॉफ्टवेयर के कारण थोड़ी परेशानी हो रही है। पटवारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द ही समस्या दूर कर दी जाएगी। वहीं पटवारी संघ बालोद के तहसील अध्यक्ष छन्नूलाल ने कहा नए सॉफ्टवेयर का सिस्टम ही समझ नहीं आ रहा। 30 अप्रैल से ऑनलाइन के लिए नया सॉफ्टवेयर डाला गया है। हो रही परेशानी के संबंध में मुख्यमंत्री व तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया है।