जिले में 1590 शासकीय एवं प्राइवेट स्कूल, 1449 आंगनबाड़ी, महाविद्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था के प्रथम वर्ष के कुल 251453 बाल-बालिकाओं को दवा खिलाई जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एकेएस रात्रे ने बताया कि 1-2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली पीसकर एवं 2 से 3 वर्ष के बच्चों को एक गोली पीसकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की निगरानी में खिलाया जाएगा। 3 से 19 वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर खिलाया जा रहा है। कृमि की दवा से खून की कमी में सुधार, बेहतर पोषण स्तर, कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होने से स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति में सुधार होता है।
उन्होंने बताया कि बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए अपने घर व आसपास में साफ-सफाई रखने, भोजन को ढंककर रखने, नाखुन को छोटे रखने, जूते पहने, साफ पानी पीने, फल व सब्जी धोकर खाने, खुले में शौच न करने, हमेशा शौचालय का प्रयोग करने और शौच के बाद हाथ साबुन से धोने चाहिए। जिला नोडल अधिकारी डॉ. एसके सोनी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. रीना लक्ष्मी, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक जामुलकर, जिला परियोजना अधिकारी मिश्रा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी बसंत बाघ, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी यादव, प्राचार्य देशमुख, एनडीडी जिला समन्वयक योगेश्वर साहू, खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी सोनबाईर, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक सुनील महतो आदि उपस्थित रहे। संचालन मीडिया प्रभारी एसएल गंधर्व एवं आभार प्राचार्य देशमुख ने किया।