युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष विक्रम ध्रुवे ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह जानते हुए कि विष्णुदेव साय जनजाति समाज के हैं, फिर भी पत्रकारों के सवाल पर उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के उद्देश्य से कहा कि यदि उनके दिमाग में गोबर भरा है तो हमने खोज लिया है कि उससे भी बिजली जलाई जा सकती है। यह कहकर
पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास किया है।
भाजपाइयों ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई कर जनजाति समाज के अधिकारों को सुदृढ़ता प्रदान करें। मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र माहला एवं पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के प्रमुख नेता को अपमानित करने सीएम ने सार्वजनिक रूप से अभद्र टिप्पणी की। जिससे पूरा आदिवासी समाज अपमानित महसूस कर रहा है। अजा और अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (ङ्ग) के अनुसार जो कोई, अनुसूचित जाति अथवा जनजाति का सदस्य नहीं है। जनता को दृष्टिगोचर किसी स्थान में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य का अपमान करने के आशय से उसको अपमानित या अभित्रस्त करेगा, के अनुसार अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।
अभद्र टिप्पणी के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के दौरान भाजपा प्रदेश मंत्री राकेश यादव, जिला मंत्री अनिता कुमेटी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजीव शर्मा होरीलाल रावटे, वरिष्ठ आदिवासी नेता पालक ठाकुर, चिखलाकसा नगर पंचायत अध्यक्ष भीखी मसिया, शरद ठाकुर, दयानंद साहू, नगर पंचायत उपाध्यक्ष अब्दुल इब्राहिम, सरोज सलाम, बीरेंद्र साहू, चित्रसेन साहू, कुंती देवांगन, संतोष कौशिक, भरत पटेल आदि उपस्थित रहे।