जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर रानू साहू ने बड़ी लापरवाही बताते हुए शिक्षा विभाग को फटकार लगाई और गुंडरदेही विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी और शासकीय प्राथमिक शाला खेरूद के प्रधान पाठक को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजने कहा। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी और राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला मिशन समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अब मामला जिला कलेक्टर के पास पहुंचने के बाद डीईओ सफाई दे रहे हैं कि यह आयोजन शिक्षा विभाग का नहीं बल्कि ग्राम पंचायत के सरपंच का है।
रविवार को अवकाश के दिन को मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने नगर पालिका बालोद विकास पाटले ने सभी कर्मचारियों की विशेष बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रचार प्रसार के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि शहर के विभिन्न स्थानों प्रमुख चौक-चौराहों पर कोरोना वायरस से जागरुकता संबंधी होर्डिंग लगाए जाएं। सार्वजनिक स्थानों जहां नियमित रूप से आमजन इक_ा होते हैं जैसे सिनेमाघर, जिम, स्वीमिंग पूल आदि को शासन के आदेशानुसार 31 मार्च तक बंद रखने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य अधिकारी को साफ-सफाई के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बताया कि राज्य शासन ने 12 मार्च को नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के समस्त शासकीय एवं निजी विद्यालयों और स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत समस्त शिक्षण संस्थानों एवं समस्त प्रशिक्षणों को 31 मार्च तक तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश जारी किया है। कलेक्टर ने कहा कि स्कूली छात्रों की उपस्थिति में इस तरह का आयोजन शासन के निर्देश की अवहेलना है।
एक तरफ मुख्यमंत्री बड़े एवं सामूहिक आयोजनों को बंद करने के निर्देश दे रहे हैं। दूसरी ओर उन्हीं के विधायक स्कूली बच्चों की उपस्थिति एवं कार्यक्रम का विरोध न कर उसमें शामिल हो रहे हैं। जबकि वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण इस तरह के आयोजनों पर प्रतिबंध है। विधायक शिक्षा विभाग को समझाने के बजाय अतिथि बनकर बैठे रहे।
खेरूद प्रथामिक शाला में हुए आयोजन के पीछे स्कूल का बैनर लगाया गया है और बच्चे स्कूली गणवेश भी पहनकर बैठे हुए हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी आरएल ठाकुर ने इस आयोजन को शिक्षा विभाग का नहीं होना बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन ग्राम पंचायत सरपंच ने आयोजित किया था। स्कूल में आयोजन होने के कारण ही बच्चे भी शामिल हो गए होंगे। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग शामिल नहीं है।