कलेक्टर ने मरीजों की बात सुनने के बाद डॉक्टर व स्टाफ नर्सों की भी क्लास ली। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए। भरपेट भोजन नहीं मिलने की शिकायत पर कलेक्टर ने खाना सप्लाई करने वाले को 24 घंटे का समय दिया है। 24 घंटे बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी तो उसे हटाने के निर्देश दिए।
एक्सपायरी ग्लूकोज मामले की पीडि़त महिला की भी ली जानकारी
कलेक्टर ने कोविड अस्पताल में शुक्रवार को एक्सपायरी ग्लूकोज चढ़ाने के मामले में अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली। हालांकि जिस स्टाफ नर्स ने बिना देखे यह ड्रिप चढ़ाया था, उसे बर्खास्त कर दिया गया है। लेकिन कलेक्टर ने पीडि़त महिला की स्थिति के बारे में जानकारी ली। फिलहाल महिला का स्वास्थ्य ठीक है। साथ ही मरीजों से भी व्यवस्था सुधारने में सहयोग करने की अपील की है।
मरीजों ने कहा-धूप सेंकने छत में जाने नहीं देते, कलेक्टर बोले-छत में चढऩा ही नहीं कोविड अस्तपताल में मरीजों ने कहा कि तापमान गिरने से अस्पताल के अंदर बहुत ज्यादा ठंड लगती है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन छत में जाने नहीं देता है। मरीजों की इस शिकायत के बाद कलेक्टर ने कहा कि छत में किसी को जाना ही नहीं है। दरअसल प्रदेश के कोविड सेंटर की छत से कोरोना संक्रमित मरीज के कूदकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है, जिसे देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने कोविड अस्पताल के छत जाने के सभी दरवाजे पर ताला लगा दिया है। मरीजों की शिकायत पर कलेक्टर ने कोरोना अस्पताल के सामने की जगह पर बेरिकेड लगाकर मरीजों के लिए धूप सेंकने जगह बनने के निर्देश दिए है। पीडब्ल्यूडी भी अब मरीजों के लिए यह व्यवस्था बनाने की तैयारी में जुट गया है।
सफाई पर दे विशेष ध्यान
कोरोना अस्पताल सहित जिला अस्पताल में साफ -सफाई भी ठीक से नहीं होती। शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यहां समय पर साफ-सफाई हो, चिकित्सक व स्टाफ नर्स समय पर मरीजों से मिलें। उनके स्वास्थ्य की जानकारी लें। कोई लापरवाही बरत रहा है तो उसकी जानकारी भी दें, उस पर कार्रवाई की जाएगी।