नहर निर्माण का कार्य भी अधूरा
सिंचाई विभाग के मुताबिक 2009-10 में इस बांध के निर्माण व वन विभाग की जमीन का सर्वे करने में लाखों खर्च किए गए। वहीं मोहड़ जलाशय का निर्माण शुरू कराया गया, जो लगभग पूरा हो गया है। वेस्टवियर का निर्माण नहीं हुआ है। वहीं नहर निर्माण का कार्य भी अधूरा है। काम कब पूरा होगा विभाग को भी नहीं मालूम है।
आठ गांव डूबान में, जमीन अधिग्रहण का मुआवजा भी मिला
परियोजना के अंतर्गत जिले के कुल आठ गांव डुमराटोला, कुदारी, भर्रीटोला, हुच्चेटोला, करतूटोला, मंगचुआ, मरसकोल डूबान में आ रहे हैं। सिंचाई विभाग की माने तो इस योजना के अंतर्गत जिले के 129 खातेधारकों के कुल 71.08 हेक्टेयर जमीन के बदले कुल 2,49,42, 249 रुपए भुगतान हो चुका है। वहीं 67 किसानों को विशेष पैकेज के तहत अंतर की राशि का भुगतान करना है।
एनएसपीसीएल को बिजली बनाने मिलेगा पानी
मोहड़ जलाशय का निर्माण बिजली बनाने किया जा रहा है। इस योजना से भिलाई एनएसपीसीएल रोज 250 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगी। हालांकि योजना को पूरा होने में समय लगेगा। जल संसाधन विभाग के अनुसार मोहड़ जलाशय के बनने के बाद तांदुला पर दबाव कम हो जाएगा। तांदुला में हर साल पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा।
23 किमी लंबी नहर भी प्रस्तावित
इस बांध से जोड़ते हुए लगभग 23 किमी लंबी नहर भी बनाना प्रस्तावित है, जो मोहड़ जलाशय को खरखरा से जोड़ेगी। साथ ही तांदुला जलाशय में भी पानी आएगा। मोहड़ से तांदुला डेम में पानी आने के बाद नहर के माध्यम से भिलाई पहुंचाया जाएगा। भिलाई में बीएसपी व अन्य जगहों पर बालोद जिले से पानी सप्लाई की जा रही है। नहर निर्माण भी अधूरा है। जिन-जिन जगहों पर वन विभाग की जगह है, वहां काम अधूरा है।
केंद्र स्तर का मामला, दिल्ली में भेजेंगे प्रकरण
जल संसाधन विभाग के ईई टीसी वर्मा ने बताया कि शासन स्तर पर पहल की है। अड़चनें वन विभाग की हैं। कई बार पत्र लिखा। वन विभाग ने उच्च स्तरीय कार्रवाई की है। अब मामला केंद्रीय स्तर पर सुलझेगा। हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। हम भी चाहते हैं योजना जल्द पूरी हो।