कलेक्टर के आने के दो पहले पाकुरभाट आइसोलेशन केंद्र में एक युवक, जो पहले नेगेटिव था, उसे पॉजिटिव बताकर केंद्र में भर्ती कर दिया गया था। संक्रमितों के साथ रहने के कारण वह भी पॉजिटिव आ गया। युवक ने उस दिन जन्मदिन मनाया। केक काटा। फिर हंगामा कर दिया और आइसोलेशन केंद्र से भागने का प्रयास किया। स्वास्थ्य कर्मी ने उसे दौड़कर पकड़ लिया। वह घर जाने की इच्छा जता रहा था तो उसे होम आइसोलेशन में रखा। ठीक उसी जगह कलेक्टर ने मरीजों की समस्याएं सुनी।
कोरोना मरीजों ने बताया कि किसी परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव आ जाता है तो संक्रमित व्यक्तिको इलाज के लिए अस्पताल लाते हैं। बाकी सदस्य को होम आइसोलेट कर दिया जाता है वो भी 14 दिनों तक। इससे कई परेशानी होती है। जिस पर एसडीएम सिल्ली थामस ने कहा कि होम आइसोलेशन 14 दिनों के बजाए 7 दिनों का रहेगा। मरीजों ने कहा कई बार देखने को मिलता है कि संक्रमितों को लोग हीनभाव से भी देखते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस पर गांव में जनप्रतिनिधियों को भी इस विषम परिस्थिति में संक्रमित व्यक्तियों का सहयोग व पूछ परख करना चाहिए।
कोविड स्टाफ के विभिन्न सदस्यों व स्टाफ के ग्रुप में खाने की गुणवत्ता को लेकर लगातार बहस चलती है, जिसमें कहा गया है कि खाने का समय व खाना ठीक नहीं रहता। इस व्यवस्था को सुधारने की मांग भी जिम्मेदार अधिकारियों से कर चुके हैं।