चिल्हाटीकला में दूसरा मामला
बेटियों के परंपरा का दायित्व अपने हाथों में लेने, पिता के पार्थिव शरीर को कंधा और मुखाग्नि देने का यह चिल्हाटीकला में दूसरा मामला है। इसके पहले मोहन लाल माहेश्वरी के बेटियों ने मुखाग्नि दी थी। बेटी की ओर से पिता का अंतिम संस्कार करने पर समाज व ग्राम के लोगों ने सराहना की है।
मृतक जीवन लाल भुआर्य का है तीन बेटियां
लोगों का कहना है कि मृतक की बेटी ने पुरानी परंपरा से हटकर पिता की अर्थी को कंधा और मुखाग्नि देकर साहस का परिचय दिया है। समाज को ऐसी बेटियों पर गर्व है। गौरतलब है कि मृतक जीवन लाल भुआर्य का बेटा नहीं है। तीन बेटियां हैं। ऐसे में पिता की अंतिम यात्रा का दायित्व बेटी ने ही निभाई।
समाज को जगाने का किया काम
हल्बा समाज के अध्यक्ष रघु मानकर ने कहा कि इस बेटी ने समाज को जगाने का काम किया हैं। हम बेटे की आशा में परिवार बढ़ा लेते हैं और वर्तमान में परेशानियों से जूझते रहते हैं। हमें भविष्य में बेटियों को भी सशक्त करना चाहिए। ग्राम सरपंच वीरेन्द्र ठाकुर, शिवचरण भुआर्य, रामदास, होरीलाल, झुमुक, अरुण, ललित रात्रे, बद्री, दुष्यंत सभी ने सराहना की।
खुंदनी में सात साल की बेटी ने मां को दी मुखाग्नि
गुरुर @ patrika . सात साल की पुत्री ने अपनी मां को मुखाग्नि दी। बेटी ने धैर्य से स्वयं को संभालते हुए मुखाग्नि दी, लेकिन अंत समय में अपने आप को रोक नहीं पाई और फफक-फफक कर रो पड़ी। बेटी के गम को देख मुक्तिधाम में उपस्थित ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गई।
भानबाई की पांच लड़की
पंचायत ने मृतक के परिवार को मुख्यमंत्री श्रद्धांजलि योजना से 2000 रुपए का चेक दिया। ग्राम खुंदनी में ओमप्रकाश की पत्नी भान बाई का निधन हो गया। भानबाई की पांच लड़की है। बड़ी लड़की सात साल की, सबसे छोटी लड़की एक साल की है।
दुर्ग के ग्राम आलबरस में ईंटभट्ठा में करते थे काम
ओमप्रकाश एवं उसकी पत्नी दुर्ग जिले के ग्राम आलबरस में ईंटभट्ठा में कार्य करते हैं। वहां भान बाई की तबीयत खराब हो गई और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मृतका को गृह ग्राम खुंदनी लाया गया एवं उनका अंतिम संस्कार किया गया। बच्चों के छोटे होने के कारण मृतका के परिजनों ने कंधा दिया। सरपंच विशाल दीवान, पंच सुनील दीवान व अन्य ग्राम प्रमुखों के उपस्थिति में योजना का चेक दिया गया।