धरने की चेतावनी पर पुलिस विभाग सुबह से सक्रिय हो गया था। इसके लिए लगभग 150 पुलिस बल तैनात कर धरना से पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी गई। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झूमा-झटकी हुई, जिससे एनएसयूआई अध्यक्ष जितेंद्र पांडेय का कपड़ा फट गया। उसके बाद पुलिस के रवैए से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और थाने में ही कपड़े निकालकर प्रदर्शन करते रहे। ज्ञात रहे कि झलमला से जामगांव लगभग 8 किमी की सड़क पर दो दशक से विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों की मांगों की अनदेखी से सड़क पर अब केवल गिट्टियां ही दिखाई देने लगी है। इस कारण लोग दुर्घटनाओं का शिकार होने लगे हैं। जनता का कहना है अगर शासन-प्रशासन समय पर ध्यान देती तो आज ये सड़क सरकार की 14 साल की उपलब्धियों का गान करती।
नपा अध्यक्ष सहित 11 साथियों हो रास्ते में ही रोका
जानकारी के मुताबिक पुलिस प्रशासन ने विधायक भैयाराम सिन्हा को गुरुर रेस्टहाउस में घेर लिया था, तो विधायक से मिलने जा रहे नगर पलिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा सहित उनके 11 साथियों को भी रास्ते में नाकेबंदी कर रोककर गिरफ्तार कर लिया गया। यही नहीं चक्काजाम को विफल करने के लिए आसपास के सरपंचों के घरों में भी पुलिस भेजकर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसके कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। सबसे बड़ी बात विधायक सिन्हा को गुरुर रेस्ट हाउस में शाम 4 बजे तक घेरे रखे। उन्हें निकलने तक नहीं दिया गया।
विधायक ने कार्रवाई पर उठाए सवाल
विधायक भैया राम सिन्हा ने बताया झलमला से जामगांव लगभग 8 किमी सड़क जो काफी जर्जर हो चुका है। इस मार्ग की मरम्मत के लिए बीते 20 साल से मांग कर रहे हैं, पर आज तक किसी ने इस सड़क की मरम्मत कराने की ओर ध्यान नहीं दिया। जब इस सड़क की मरम्मत कराने के लिए चक्काजाम करने का निर्णय लिया, तो पुलिस घरों में जाकर, तो रास्ते में गाड़ी रोककर गिरफ्तारी कर रहे हैं। ऐसे ही तत्काल कार्रवाई इस सड़क के निर्माण व मरम्मत में करते तो और अच्छा होता। आसपास के ग्रामीणों को राहत मिलती।
पुलिस ने कहा समझाया था, पर नहीं माने
नेशनल हाइवे पर चक्काजाम करने की अनुमति नहीं है। विधायक को समझाया गया था, पर वे नहीं माने इस कारण कार्रवाई की गई। पर कहीं न कहीं इस चक्काजाम की योजना से प्रशासन भी डरा हुआ था। इस वजह से पुलिस प्रशासन ने झलमला से गुरुर तक पुलिस सिपाही तैनात कर दिया था। कई कार्यकर्ताओं को रास्ते में पकड़ कर बालोद थाने ले गए।
आखिर इस सड़क को क्यों नहीं बनाना चाहता विभाग- ग्रामीण
ग्रामीण जमील बक्स ने कहा इस मार्ग की मरम्मत व निर्माण की मांग बीते 20 साल से कर रहे हैं। लगभग 60 बार आवेदन भी दे चुके हैं, पर आज तक किसी भी अधिकारी ने इस मार्ग की मरम्मत कराने सुध नहीं ली, इसी कारण अब चक्काजाम करने की स्थिति खड़ी हो रही है। ग्राम झलमला, पाकुरभाट, जगतरा, हथौद, कन्नेवाड़ा, करहिभदर के ग्रामीणों ने कहा इस मार्ग की मरम्मत बहुत ही जरुरी है। इन गावों के दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर थाना ले गई, तो कई सरपंच और ग्रामीणों को जिला मुख्यालय के सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाकर रखा गया था।
विधायक भैया राम ने कहा सुबह एसडीएम हरेश मंडावी ने फोन किया और रेस्ट हॉउस में बुलाया। रेस्ट हाउस जाने के बाद लगभग 40 पुलिस कर्मी ने रेस्ट हाउस को ही घेर लिया और वहां से निकलने ही नहीं दिया शाम चार बजे रेस्ट हाउस से छोड़े। कहा इस तरह की कार्रवाई गलत है। हम अपनी जायज मांगों को लेकर यह प्रदर्शन कर रहे थे। इस विषय पर उच्च अधिकारी से बात हुई है। शनिवार से इस मार्ग की मरम्मत कराने की बात कही। विधायक भैयाराम ने ग्रामीणों से भी बात करी और गांव में बैठक लेकर ग्रामीणों को आज की घटना के बारे में जानकारी दी।