नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे रहेंगे अधिकारी-कर्मचारी
मानसून ने प्रदेश में दस्तक दे दी है। जोरदार बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे में आपदा से निबटने के लिए प्रशासन ने तैयारी की है। बचाव दल में नगर सैनिकों के साथ गोताखोर भी तैनात किए गए हैं। नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे अधिकारी-कर्मचारी रहेंगे। नगर सेनानी विभाग के मुताबिक वर्तमान में कम संसाधन हैं, लेकिन बेहतर कार्य कर रहे हैं। उसके बाद भी टीम को और बेहतर बनाने नगर सेना ने राज्य व जिला प्रशासन से राहत व बचाव कार्य के लिए और उपकरण मांगें हैं।
सभी साधन हो तो तुंरत होगा रेस्क्यू
लोगों व विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि हमारे पास प्राथमिक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पर्याप्त साधन है। बड़ी घटना घट जाए तो दुर्ग की टीम का इंतजार करते हैं। पूरी सुविधा जिले को मिल जाए तो गंभीर केस में भी तत्काल रेस्क्यू शुरू किया जा सकता है।
ये है नगर सेना के पास उपकरण
10 नगर सेना के प्रशिक्षित जवान
2 रबड़ बोट
29 लाइफ जैकेट
19 लाइफ ब्वाय
2 आक्सा (इमरजेंसी लाइट)
2 वायरलेस
2 वाकी टॉकी
2 रस्सा
1 कांटा जाली ही उपलब्ध है
इन सामग्रियों की मांग
वेगन लाइट, लाउड हालर, सिलेंडर, बल्ली, बांस, राफ्टर बनाने के लिए, मेगा फोन कटर, सर्च लाइट आदि की मांग की गई है।
रबर मोटर बोट का है बड़ा उपयोग
जिला सेनानी कार्यालय में दो मोटर बोट उपलब्ध है। इसमें दो रबर बोट विथ इंजन शामिल है। वहीं दो नाव भी है। नगर सैनिक राहत व बचाव कार्य में इन बोटों का उपयोग करेंगे। रबर बोट को किसी भी वाहन में अटैच कर ले जाया जा सकता है। इस बोट से नदी-नाले, जलाशय में भी रेस्क्यू किया जा सकेगा। नगर सेना के मुताबिक बीते माह उच्च अधिकारियों की टीम ने बालोद आकर मोटर बोट की जांच की और पूर्वाभ्यास कराया।
बाढ़ आपदा से निबटने हमारी टीम तैयार
जिला सेनानी दिनेश रावटे ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से बचने व बचाव राहत कार्य के लिए उपकरण है। कुछ उपकरण और चाहिए। हमने उपकरणों की मांग शासन व जिला प्रशासन से की है। बाढ़ आपदा से निबटने हमारी टीम तैयार है। इस साल दो बार पूर्वाभ्यास भी कर चुके हैं।