अस्पताल निर्माण के लिए सरकार ने 4.74 करोड़ अनुपूरक बजट में शामिल ज्ञात रहे कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विकास यात्रा के दौरान राजहरा प्रवास पर जनप्रतिनिधियों की मांग पर 5 जून को किए अपने वादे को पूरा किया है। नगरवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग 100 बिस्तर अस्पताल निर्माण के लिए सरकार ने 4.74 करोड़ रुपए अनुपूरक बजट में शामिल कर लिया गया है। इस अस्पताल में 25 डॉक्टर, 70 पैरामेडिकल व 10 प्रशासनिक स्टॉफ सहित अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस सूचना से नगरवासियों को बड़ी खुशी हुई है।
पत्रिका ने लगातार प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित किया गौरतलब हो पत्रिका ने इस संबंध में 16 दिसंबर 2017 एवं 6 मई 2018 और ५ जून से अब तक लगातार प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित कर दल्ली की स्थिति को सामने लाई जा रही है। इसमें अस्पताल सहित नगर की अन्य मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता को सरकार तक पहुंचाई जा रही है। इसी के तरह नगरवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग कि यहां एक सरकारी अस्पताल हो, के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने लगभग 8 वर्ष पूर्व घोषणा तो कर दी गई थी, परंतु शासकीय जमीन के अभाव मेंं इसके निर्माण को लेकर बाधाएं आ रही थी। इसके लिए एक ही विकल्प था कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा पूर्व में संचालित बीएसपी हाई स्कूल क्रमांक तीन की पांच एकड़ जमीन। बाद में मामले में जनप्रतिनिधियों सहित अनेक संगठनों की मांग पर बीएसपी प्रबंधन ने विधिवत रजिस्ट्री कर शासन को हाई स्कूल भवन की पांच एकड़ जमीन सौंपी गई। अब उसी में अस्पताल भवन बनेगा।
सुविधा के लिए लगातार भीड़े रहे नेता व संगठन
मामले में 20 वर्षों से लोग एक शासकीय अस्पताल की मांग करते रहे हैं। इसके लिए राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, श्रमिक यूनियनों एवं नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों ने समय-समय पर मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, विधायक, कलक्टर को मांगपत्र सौंपकर उनसे नगर मेंं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की मांग की जाती रही है। पर लगभग 8 वर्ष पूर्व अपने विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने राजहरावासियों को अस्पताल की सुविधा मुहैया कराने की घोषणा की थी जो पूरा होने जा रहा है।
नगर में नहीं एक भी शासकीय अस्पताल
लगभग 45 हजार की आबादी वाले इस नगर मेें एक भी शासकीय अस्पताल नहीं होने के कारण यहां के लोगों को मजबूरन निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है। चूंकि लौह अयस्क नगरी दल्लीराजहरा माइंस क्षेत्र होने के कारण यहां मजदूरों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में शासकीय अस्पताल नहीं होने के कारण गरीब तबके के लोगों को निजी अस्पतालों में जाकर मंहगा ईलाज कराना पड़ता है। वहीं कई मौकों पर ईलाज के लिए उन्हें आर्थिक परेशानियों से भी जूझना पड़ता है। अब जाकर मिलने की उम्मीद जगी है। इस अस्पताल के निर्माण से नगर के साथ आदिवासी विकासखण्ड डौण्डी की जनता को भी सस्ती और अच्छी चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। उन्हें रायपुर, भिलाई तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।