ज्ञात रहे कि जिले के ग्राम सोरर निवासी दो छात्रों ने योग को अपना जीवन लक्ष्य बना लिया है। ऐसा कर वे छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में बालोद जिले का नाम रौशन किया है। नेपाल में हुए अंतरराष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में अंडर-16 में गोल्ड मैडल व अंडर-14 में ब्रॉन्ज मैडल लाकर एक नया कीर्तिमान रचा है। इन बच्चों को नेपाल भेजने के लिए रुपए नहीं थे, तो पिता ने कर्ज लेकर इन्हें प्रोत्साहित किया और लिलेश्वर को कर्ज लेकर नेपाल भेजा, जहां बेटे ने कमाल कर दिया। उनकी उम्मीदों पर खरा उतरकर दिखा दिया।
लिलेश्वर ने बताया कि 2017 में भी उन्हें नेपाल के अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में जाने का मौका मिला था, मगर आर्थिक तंगी के कारण वो नहीं जा पाया। इस बार उसके माता-पिता ने हार नहीं मानी और कर्ज लेकर मुझे नेपाल भेजा। लिलेश्वर योग में ही अपना भविष्य बनना चाहता है। इसके लिए वह सरकार से मदद की उम्मीद करता है कि उसे आगे की स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए शासन-प्रशासन से मदद मिले।
दूसरी ओर इसी गांव का रहने वाला लिलेश्वर का मित्र पुष्पेंद्र ने भी नेपाल में अंडर-14 में ब्रांज मैडल लाकर ये साबित कर दिया कि लक्ष्य को अगर पाना है, तो मेहनत करें। हालातों से कमजोर पुष्पेंद्र के माता-पिता ने भी कर्ज लेकर अपने बेटे को नेपाल भेजा। पुष्पेंद्र भी योग में अपना भविष्य बनाना चाहता है।