scriptइसे कहते हैं दरियादिली: नब्बे साल की गरीब बुजुर्ग महिला ने पीएम राहत कोष में दान की तीन महीने की पेंशन | Elderly woman donated three months pension to PM relief fund in Balod | Patrika News

इसे कहते हैं दरियादिली: नब्बे साल की गरीब बुजुर्ग महिला ने पीएम राहत कोष में दान की तीन महीने की पेंशन

locationबालोदPublished: Apr 07, 2020 05:25:32 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

कोरोना महामारी में लोगों की तकलीफ देखकर गरीब बुजुर्ग महिला ने अपने तीन महीने की पेंशन प्रधानमंत्री राहत कोष में दे दी। (India fights Covid-19)

इसे कहते हैं दरियादिली: नब्बे साल की गरीब बुजुर्ग महिला ने पीएम राहत कोष में दान की तीन महीने की पेंशन

इसे कहते हैं दरियादिली: नब्बे साल की गरीब बुजुर्ग महिला ने पीएम राहत कोष में दान की तीन महीने की पेंशन

बालोद. देने वाले का दिल सबसे बड़ा होता है इस बात को सच साबित कर दिखाया है बालोद जिले की नब्बे साल की बुजुर्ग महिला ने। कोरोना महामारी में लोगों की तकलीफ देखकर गरीब बुजुर्ग महिला ने अपने तीन महीने की पेंशन प्रधानमंत्री राहत कोष (Prime Minister’s National Relief Fund) में दे दी। मानवता की अनोखी मिसाल पेश करने वाले बुजुर्ग महिला ने सही मायने में दान का मतलब लोगों को समझाते हुए कहा कि उसके पेंशन के पैसे से किसी का भला हो जाए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। (Coronavirus in chhattisgarh)
गुरुर विकासखंड के छोटे से ग्राम पंचायत चिटौद के सचिव मनोज कुमार साहू ने बताया कि करीब 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में भी वर्तमान संकट के बीच इंसानियत का अद्भुत उदाहरण मौजूद हैं। गांव की 90 वर्षीय बुजुर्ग देवबती साहू, धर्मपत्नी स्व. मनबोध साहू ने अपनी 3 माह की पेंशन ग्राम के पंच सुकालू फुटान को प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए भेंट की है। उन्होंने अपने जीवन निर्वाह की आवश्यकताओं को सीमित करते हुए जनकल्याण के लिए आगे बढऩे की राह लोगों को दिखाई है।
इसे कहते हैं दरियादिली: नब्बे साल की गरीब बुजुर्ग महिला ने पीएम राहत कोष में दान की तीन महीने की पेंशन
मासूम ने गुल्लक के पैसे किए दान
चिटौद गांव की ही नन्ही बालिका काजल साहू पिता डिगेश्वर कुमार साहू ने भी अपने गुल्लक में जमा 5000 रुपए देश की सेवा में दान कर दिया। बच्ची ने पिता के सामने गुल्लक तोड़कर राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दी ताकि कोरोना महामारी के मुश्किल वक्त में जरूरतमंदों केा समय पर मदद मिल सके।
बांटा राशन
चिटौद गांव की सरहदी सीमा पर कोल्ड स्टोरेज व्यवसाय संचालित कर रहे सलीम रोकडिय़ा पिता महाजित रोकडिय़ा धमतरी ने भी कामकाज बंद होने की स्थिति में भी नेक दिली का उदाहरण पेश किया है। उन्होंने चिटौद के अपने कर्मचारियों के परिवार रेवती पति तुकाराम, कोमिन पति हेमलाल, केशर पति केशुराम, सुनीता पति अर्जुन, निर्मला पति आत्मा, राधिका पति गिरवर एवं उर्वशी पति पंचूराम को खाद्यान्न व अन्य किराना सामग्री बांटा। 4 किलो आलू, 2 किलो प्याज, 1 लीटर तेल, 1.5 किलो चना, 2 किलो आटा, 2.5 किलो दाल, 1 पाव धनिया, मिर्च, साबुन एवं निरमा वितरित किया।
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