इधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी असमंजस की स्थिति में है कि आखिर क्या करें? क्योंकि हर माह बिजली बिल आ रहा है अब तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी विभाग की शरण ले रहे हैं आखिर बिजली बिल को कौन पटाए। जानकारी के मुताबिक यह हाल बीते एक साल से है। इधर बिजली कनेक्शन कराने के लिए अभी तक विभाग ध्यान ही नहीं दे रहा है। विभागीय जानकारी के मुताबिक जिले के ऐसे 912 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां बिजली मीटर तो लगाए गए हैं पर कनेक्शन ही नहीं दिए गए हैं।
बता दें कि जिले के आंगनबाड़ी केन्द्र जहां पर विद्युतीकरण नहीं हुआ है वहां महिला एव बाल विजस विभाग द्वारा बिजली कनेक्श्न मीटर लगाने का काम करवाया गया है, पर मीटर लगाने के साल भर बाद भी बिजली का कनेक्शन ही नहीं किया जा सका है। विभागीय लापरवाही का नतीजा यह है कि हर साल गर्मी के दिनों में इन आंगनबाड़ी के बच्चे तेज गर्मी से पसीने से लतपथ होते रहते हैं। अधिकारी आंगनबाड़ी की स्थिति को जानते हुए भी कुछ नहीं कर पाए। विभाग की ऐसी लापरवाही से तो अब आने वाले गर्मी में भी बच्चे परेशान रहेंगे।
जिला महिला बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 1524 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिसमें से 591 केंद्रों में बिजली लगे हैं। साथ ही यहां के बच्चों को गर्मी के दिनों में भी बिजली पंखे लगने से गर्मी से राहत मिलती है, पर जिले के 371 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जहां बिजली तक नहीं हैं, पर इन केन्द्रों में बिजली के लिए अब प्रयास किया जा रहा है। बिजली नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी गर्मी के दिनों में रहती है। कहा जाए 912 केंद्रों में मीटर लगाकार कनेक्शन ही नहीं दिया जा सका है।
इधर जिले के 912 आंगनबाड़ी केन्द्रों में मीटर लगाएं हैं पर बिजली कनेक्श्न नहीं होने के बाद भी बिजली बिल आन से केंद्रों की कार्यकर्ता व अधिकारी भी परेशान हो गए हैं, जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हलकान हो गए हैं। इधर अब जिला महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी सीएस मिश्रा ने कहा जिन केन्द्रों में में मीटर लगा है उसका बिल आ रहा होगा तो कार्यकर्ता बिल न पटाएं।
मामले पर विद्युत विभाग के ईई वीके डहरिया ने बताया महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जहां-जहां मीटर लगाने बोला था वहां मीटर लगाई गई है। रही बात कनेक्शन की, तो नजदीकी विद्युत विभाग के अधिकारी के पास आवेदन जमा कर कनेक्शन करा सकते हैं।