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कोई छत पर चढ़ा तो कोई पेड़ पर तब मिला ऑनलाइन ऐप से परीक्षा का नेटवर्क

locationबालोदPublished: Oct 19, 2019 10:19:54 pm

बालोद जिले के प्राथमिक स्कूलों में शनिवार से कक्षा पहली व दूसरी के लिए ऑनलाइन ऐप से परीक्षा आयोजित की गई। शासन द्वारा ऑनलाइन परीक्षा की आधी-अधूरी तैयारी की पोल उस वक्त खुल गई, जब कई स्कूलों में मोबाइल नेटवर्क ने धोखा दे दिया।

कोई छत पर चढ़ा तो कोई पेड़ पर तब मिला ऑनलाइन ऐप से परीक्षा का नेटवर्क

कोई छत पर चढ़ा तो कोई पेड़ पर तब मिला ऑनलाइन ऐप से परीक्षा का नेटवर्क

बालोद @ patrika . जिले के प्राथमिक स्कूलों में शनिवार से कक्षा पहली व दूसरी के लिए ऑनलाइन ऐप से परीक्षा आयोजित की गई। शासन द्वारा ऑनलाइन परीक्षा की आधी-अधूरी तैयारी की पोल उस वक्त खुल गई, जब कई स्कूलों में मोबाइल नेटवर्क ने धोखा दे दिया।
चाहरदिवारी और पेड़ की टहनियों पर चढ़कर नेटवर्क कवरेज में जाना पड़ा
नतीजा ये हुआ कि शिक्षकों को क्लास रूम छोड़कर कभी स्कूल की छत पर तो कभी चाहरदिवारी और पेड़ की टहनियों पर चढ़कर नेटवर्क कवरेज में जाना पड़ा। खासकर वनांचल क्षेत्र के स्कूलों में परेशानी हुई। इन क्षेत्रो में नेटवर्क की बहुत ही ज्यादा समस्या रहती है। इस समस्या एवं विभाग के आदेश को लेकर शिक्षक संघों ने नाराजगी जाहिर की है।
पहिली और दूसरी के बच्चों का ऑनलाइन परीक्षा
बता दें कि एसएलए के तहत टीम्स टी ऐप के जरिए प्राथमिक के कक्षा पहिली और दूसरी के बच्चों का ऑनलाइन परीक्षा का आदेश दिया गया था। ऐन परीक्षा के वक्त कहीं सर्वर डाउन और नेटवर्क नहीं होने से शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
परीक्षा दिलाने शिक्षकों के पीछे-पीछे चलते रहे बच्चे
शनिवार को जिले में बड़ी अजीब स्थिति देखने को मिली। जिले के प्राथमिक शाला ग्राम आमाडुला और प्राथमिक शाला भुरकाभाट में तो शिक्षक नेटवर्क के दायरे तलाशते रहे। नेटवर्क की जद में आने कभी मैदान तो, कभी स्कूल की छत पर चढ़े नजर आए। बच्चे भी ऑनलाइन परीक्षा दिलाने शिक्षकों के पीछे-पीछे चलते रहे।
अव्यवहारिक और अदूरदर्शी निर्णय
इस मामले में शालेय शिक्षाकर्मी संघ बालोद के जिला अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा टीम्स टी ऐप के जरिए कक्षा पहली और दूसरी के बच्चो की ऑनलाइन परीक्षा लेने का निर्णय बिल्कुल अव्यवहारिक और अदूरदर्शितापूर्ण है। छोटी-छोटी बात पर सर्वर फेल होना, दूरस्थ अंचलों पर मोबाइल नेटवर्क का न होना, ऊपर से सीधे ऐप के जरिए ही ऑनलाइन प्रश्न पूछना यह दर्शाता है कि जिन टेबलों में इस तरह की योजनाएं बनती है उन्हें जमीनी जानकारियों का अभाव है। परीक्षा के लिए हमेशा प्रश्न पत्रों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
कोई छत पर चढ़ा तो कोई पेड़ पर तब मिला ऑनलाइन ऐप से परीक्षा का नेटवर्क
IMAGE CREDIT: balod patrika
बिना सोचे-समझे और तैयारी के ले लिया निर्णय
उन्होंने कहा कि केवल प्रश्नों का पीडीएफ भेजकर कार्यालय अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण न समझे अपितु प्रत्येक बच्चों के लिए प्रश्न पेपर की व्यवस्था सुनिश्चित करें। वेबसाइट, ऐप, सर्वर, नेटवर्क आदि की समस्याओं को पहले दूर कर ऑनलाइन परीक्षा लेना चाहिए। अभी परीक्षा व स्कूल के सभी ऑनलाइन कार्यो के लिए शिक्षक के निजी मोबाइल और डेटा का उपयोग हो रहा है। शिक्षकों को प्रतिमाह मोबाइल एलाउंस (भत्ता) शिक्षा विभाग द्वारा अलग से दिया जाना चाहिए।
जल्द दूर होगी समस्या
इस मामले में डीईओ आरएल ठाकुर ने बताया कि यह समस्या सिर्फ बालोद जिले में ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी आई है। परीक्षा शांतिपूर्वक हुई लेकिन कक्षा पहली व दूसरी की परीक्षा में नेटवर्क ने ज्यादा परेशान किया। राज्य शासन को इसकी जानकारी दे दी गई है। जल्द ही समस्या दूर की जाएगी।
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