पांचवीं में थी, तबसे खेल रही करातेे
खिलाड़ी दीप्ति साहू ने बताया कि उसे कराते बहुत पसंद है। इसलिए बचपन से ही इस खेल को खेल रही हैं। जब पांच साल की थी, कराते का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। धीरे-धीरे जिला, राज्य व नेशनल स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर इस खेल में विभिन्न मेडल जीते।
17 गोल्ड मेडल जीते, अंतरराष्ट्रीय में दो गोल्ड मेडल
उन्होंने बताया कि उनकी उम्र अभी 18 साल है। हाल ही में बारहवीं पास हुई हैं। इस दौरान उन्होंने कई राज्य व नेशनल प्रतियोगिता में कुल 17 गोल्ड मेडल जीते हैं। पांच राज्य स्तरीय, 10 नेशनल व दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।
दोनों बहन भी कराते की खिलाड़ी
बड़ी बात यह है कि दीप्ति साहू की अन्य दो सगी बहन प्रेरणा साहू (11) एवं चंचल साहू (15) साल भी कराते खिलाड़ी हैं। इन बेटियों ने भी कई मेडल जीते हैं।
पिता किसान, मां गृहिणी
दीप्ति ने बताया कि उनके पिता भजन साहू किसान हैं। मां गृहिणी हैं। माता-पिता ने हमें हमेशा साथ दिया और इस मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने बताया कि यूरोप में भी बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रौशन करूंगी। गांव में मैदान नहीं हैं, जिसके कारण गांव से दूर अन्य गांव के मैदान में अभ्यास करने जाती हैं।