थाना प्रभारी जीएस ठाकुर ने बताया कि महाराष्ट्र से आए सभी पांच व्यक्तियों को स्वास्थ्य जांच कराकर रैनबसेरा में आइसोलेट किया गया था। देर रात ही ये सभी रैन बसेरा से गायब हो गए और झलमला में बोरवेल के मकान में रहने लगे। जैसे ही सुबह स्वास्थ्य व पुलिस विभाग को इसकी जानकारी मिली तो महाराष्ट्र से आए इन पांच लोगों को जमकर फटकार लगाई। आगामी आदेश तक झलमला के ही एक मकान में रहने के निर्देश दिए गए।
मजदूर फुलेराम ने बताया कि वह ओडिशा का रहने वाला है। इनमें तीन ओडिशा के रायगढ़ एवं दो छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से काम करने महाराष्ट्र के भंडारा गए थे। महाराष्ट्र में कोरोना के लगातार बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं, जिसके कारण कोरोना का डर सताने लगा था। इस कारण वहां से छुपते हुए प्याज गाड़ी से बालोद आ गए। अब स्वास्थ्य विभाग ने यहां से बाहर नहीं जाने के निर्देश दिए हैं।
बीएमओ एसके सोनी ने बताया कि महाराष्ट से बालोद आए सभी का नाम, पता लिखा गया है। सभी को 28 दिनों के लिए चिकित्सकों की निगरानी में होम आइसोलेशन में रखा गया है। उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह 28 दिनों तक बाहर न निकलें। किसी से नहीं मिले और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में अब तक कुल 2700 के करीब अन्य राज्य से व्यक्ति पहुंचे हंै। सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है। अब जिला पंचायत सीईओ व स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी गांवों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच कराने के निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत सीईओ लोकेश चन्द्राकर ने बताया कि लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से जिले में जो भी लोग आए हैं, उनके घरों के 50-50 घरों में इसका सर्वे कराना है।