छत्तीसगढ़ भाषा पर थी जबरदस्त पकड़
प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ी भाषा पर गजब की पकड़ थी। वह बिना रुके छत्तीसगढ़ी में धाराप्रवाह राजनीतिक भाषण देते थे। उनके शब्द लोगों के मन में स्थान बनाते थे। वे अपने विरोधियों की आलोचना करने के लिए लबरा जैसे शब्द का इस्तेमाल करने में भी नहीं चूकते थे। छत्तीसगढ़ के अधिकांश क्षेत्रों में युवा उनकी शैली का नकल करते भी दिखाई देते थे।
छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण सन 2000 में हुआ। नया राज्य बनने के साथ राजनीति भी नई होती चली गई और कई परिवर्तन भी हुए। 10 दिसम्बर 2001 में जब मुख्यमंत्री अजीत जोगी आदिवासी समाज के शहीद वीर नारायण जयंती कार्यक्रम में सरदार पटेल मैदान में शिरकत की थी। इस कार्यक्रम में भाजपा विधायक स्व. लोकेंद्र यादव भी शामिल हुए।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पहले कांग्रेस के बड़े नेता थे व कांग्रेस से ही मुख्यमंत्री बने थे पर भाजपा विधायक लोकेंद्र यादव ठीक पूर्व मुख्यमंत्री के पास एक साथ बैठने के बाद राजनीति हलचल शुरू हो गई। इस सभा के कुछ घंटे बाद ही प्रदेश के 12 भाजपा विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस राजनीतिक बदलाव की घटना के बाद अजीत जोगी ने राजनीति के क्षेत्र में बड़ी पहचान बना ली। भाजपा को रानीतिक सफर में बड़ा झटका लगा।
लोकेंद्र यादव ने की थी शक्कर कारखाने की मांग
जानकारी के मुताबिक जब प्रदेश में 12 भाजपा विधायक कांग्रेस में शामिल हुए उसमें संजारी बालोद विधायक स्व. लोकेंद्र यादव भी थे। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सामने शर्त रखी थी कि बालोद के विकास व जनता को रोजगार के लिए शक्कर कारखाना खोला जाए। इसके कुछ माह बाद ही अजीत जोगी ने सन् 2002 में बालोद के ग्राम करकाभाट में शक्कर कारखाना खोलने की घोषणा की और भूमिपूजन भी किया। इस तरह उन्होंने अपना वादा भी निभाया।