जिला कोविड-19 अस्पताल में बच्चे की मौत गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे हुई। बच्चे की मौत के बाद कोरोना जांच सैम्पल रिपोर्ट का इंतजार पूरे दिन किया गया। दूसरे दिन रिपोर्ट आई, जो निगेटिव थी। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। वहीं परिजनों को मासूम बच्चे के पोस्टमार्टम के लिए तपती गर्मी में घंटों इंतजार करना पड़ा।
कोविड-19 जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से साढ़े 4 माह के बच्चे की मौत के मामले में कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जांच के निर्देश दिए हैं और एसडीएम सिल्ली थॉमस को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। साथ ही 3 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। क्योंकि बच्चे के पिता व परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उचित कार्रवाई की भी मांग की है। कलेक्टर ने जांच टीम बनाकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
कलेक्टर की ओर से जांच के आदेश के बाद मामले को लेकर पुलिस सक्रिय हो गई है। बच्चे की मौत का कारण क्या है, इसकी जानकारी के लिए जल्द पोस्टमार्टम रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग से मांगेगी। अब पुलिस एवं जिला प्रशासन को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
साढ़े चार माह के बच्चे की मौत के लिए परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आरोप भी लगाया है। बच्चे के बड़े पिता युगेश्वर निषाद में कहा कि बच्चे के साथ गलत हुआ है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच व बच्चे को न्याय दिलाने आखिरी दम तक लड़ूंगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराऊंगा।
घटना के दिन देर शाम को कलेक्टर भी कोविड अस्पताल पहुंचे। गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी अस्पताल पहुंचकर पहले मामले की पूरी जानकारी ली। परिजनों से पूछताछ की, फिर कहा कि यहां इलाज व देखरेख में लापरवाही हुई है। साथ ही मृत बच्चे के परिजनों को उचित कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया।