scriptGanesh Chaturthi 2018 : झांकियों में हैलोजन लाइट पर पूर्ण प्रतिबंध, 10 बजे तक सब बंद | Full ban on Halogen lights in floats, closed till 10 o'clock | Patrika News

Ganesh Chaturthi 2018 : झांकियों में हैलोजन लाइट पर पूर्ण प्रतिबंध, 10 बजे तक सब बंद

locationबालोदPublished: Sep 13, 2018 12:44:06 am

आज से नगर में गणेश जी विराजेंगे। इस दौरान पंडालों में हैलोजन लाइट को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही रात 10 बजे के बाद साउंड सिस्टम नहीं बजाना है।

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झांकियों में हैलोजन लाइट पर पूर्ण प्रतिबंध, 10 बजे तक सब बंद

बालोद. गणेशोत्सव व विसर्जन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सर्किट हॉउस में एसडीएम ने शांति समिति की बैठक रखी। जहां गणेशोत्सव समितियों के पदाधिकारियों व डीजे मालिक सहित नगरवासियों को हाई कोर्ट के नियमों की जानकारी देकर उसके पालन की बात कही। बैठक में एसडीएम हरेश मंडावी ने कहा विसर्जन झांकी दिवस रात 10 बजे के पूर्व प्रतिमा विसर्जन किया जाना है। जानकारी दी कि हाईकोर्ट के निर्णय अनुसार 75 डेसिबल तक ही साउंड सिस्टम बजाना है। इससे अधिक होने पर कार्रवाई की जा सकती है। इसका सभी ध्यान रखें।
प्रतिमाओं में नहीं करेंगे अघुलनशील सामग्री का उपयोग
उन्होंने बताया निर्देशों का उल्लंघन होने पर प्रथम कार्रवाई जिला स्तर पर तथा दूसरी कार्रवाई हाईकोर्ट में की जाएगी। गणेश प्रतिमा नगर पालिका द्वारा निर्धारित स्थलों पर ली विसर्जित की जाएगी। साथ ही अघुलनशील सामग्री प्रतिमाओं में न रहने पाए इस कारण कुम्हारों की भी बैठक रखी गई जिसमें मिट्टी की ही मूर्ति बनाने के निर्देश दिए गए थे। झांकी के दौरान हैलोजन लाइट पर भी पूर्ण प्रतिबंध किया गया है। बैठक में एसडीओपी पीसी श्रीवास्तव, टीआई रामकिंकर यादव सहित यातायात प्रभारी मौजूद थे।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रशासन ने दिखाई सतर्कता
गणेश चतुर्थी को देखते हुए जिला सहित अंचल में मूर्तिकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। समितियां सार्वजनिक स्थलों पर पंडाल तैयार करवा रहे हैं। इस बार इको फ्रेंडली गणेश की मूर्तियां सहित पर्यावरण सुरक्षा को भी ध्यान रखने की जानकारी समितियों ने दी है। पंडालों के लिए मांगों के आधार पर मूर्ति निर्माण का काम लगभग पूर्ण हो चुका है, जिसे अंतिम टच दिया जा रहा है।
50 से लेकर 5000 रुपए तक मूर्ति
बालोद नगर से लगे ग्राम झलमला-घोटिया चौक के मूर्तिकार ने बताया छोटे से लेकर बड़े हर तरह के आकार की मूर्ति की मांग है, परंतु इस बार लोगों में पर्यावरण के प्रति सजगता व जागरूकता देखने को मिल रही है। इसलिए मिट्टी से बने गणेश की मांग हैं। यह बात अच्छी भी लग रहा है। मिट्टी के हम कलाकार हैं और मिट्टी के काम करने से हमें काफी खुशी मिलती है। उन्होंने बताया 50 से लेकर 5000 रुपए तक की मूर्तियों का निर्माण किए हैं।
पालिका कर रही पंडालों की जांच
इधर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशासन भी सतर्क है, इसलिए मूर्तिकारों को पहले से चेता दिया गया है कि प्रतिमाएं मिट्टी से ही तैयार करें। केमिकल रंगों का उपयोग न करें। इसके लिए राजस्व विभाग सहित नगर पालिका की टीम घूम-घूमकर कर पंडालों में जांच कर रही है ताकि कहीं भी पर्यावरण को नुकसान देने वाली चीजों का उपयोग न हो पाए। क्षेत्र में अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
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