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दो साल में गंगरेल-तांदुला लिंक नहर परियोजना को शासन से नहीं मिली स्वीकृति, योजना 515 करोड़ की हुई

locationबालोदPublished: Mar 06, 2022 11:28:05 pm

तांदुला व गंगरेल को जोड़कर बालोद के अलावा दुर्ग, बेमेतरा जिले में पेयजल व सिंचाई के लिए 2010-2011 में महानदी गंगरेल-तांदुला लिंक नहर परियोजना स्वीकृत हुई। 10 साल बाद भी कार्य प्रारंभ नहींं हो पाया। शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण 343.88 करोड़ की योजना 171.97 करोड़ रुपए बढ़कर 515.85 करोड़ हो गई है।

किसानों को परियोजना से उम्मीद थी, सिंचाई विभाग ने फिर बजट में शामिल करने की मांग की

लिंक नहर के माध्यम से गंगरेल डेम से पानी बालोद के तांदुला जलाशय में लाने की योजना थी, जिससे सिंचाई की सुविधा मिलती।

बालोद. तांदुला (Tandula) व गंगरेल (Gangrel) को जोड़कर बालोद के अलावा दुर्ग, बेमेतरा जिले में पेयजल व सिंचाई के लिए 2010-2011 में महानदी गंगरेल-तांदुला लिंक नहर परियोजना स्वीकृत हुई। 10 साल बाद भी कार्य प्रारंभ नहींं हो पाया। शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण 343.88 करोड़ की योजना 171.97 करोड़ रुपए बढ़कर 515.85 करोड़ हो गई है। बजट में शामिल होने के बाद भी दो साल से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली। नतीजा तांदुला- गंगरेल लिंक नहर परियोजना बजट से बाहर हो गई है। इस योजना के लिए सिंचाई विभाग फिर बजट में शामिल करने बुकलेट शासन को भेजा गया है। कहा जाए कि किसानों व शासन के लिए महत्वपूर्ण परियोजना शासन की अनदेखी के कारण बजट से बाहर हो गया। परियोजना को दो साल पहले शासन ने 2019-20 के बजट में शामिल किया था। सिंचाई विभाग ने शासन को प्रशासकीय स्वीकृति के लिए भेजा, लेकिन शासन से मंजूरी नहीं मिली।

शासन नहींं दिखा रहा दिलचस्पी
सिंचाई विभाग ने योजना की अनुमानित लागत 515.85 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। इस पर शासन दिलचस्पी नहींं दिखा रहा है। पिछले बजट में 40 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है। लेकिन काम शुरू नहींं हो पाया है। काम तभी शुरू होगा, जब राज्य शासन से प्रशासकीय स्वीकृति मिलेगी। अब योजना का कोई मतलब नहीं, क्योंकि बजट से बाहर हो गया है। यानी बजट में स्वीकृत राशि भी नहीं मिलेगी। तांदुला-गंगरेल लिंक नहर की सुविधा मिलने से किसानों को बड़ी राहत मिल पाएगी। क्योंकि सिंचाई के लिए किसान इसी पर आश्रित हैं।
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लिंक नहर बनने से दूर होगी पानी की समस्या

गंगरेल-तांदुला लिंक नहर बनना जरूरी है। इससे चार जिले के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। काम पूरा होने से बालोद, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा जिले के एक लाख से ज्यादा हेक्टेयर रकबे में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा। गर्मी के दिनों में भी पानी की समस्या नहींं रहेगी। दरअसल गंगरेल जलाशय में ज्यादा पानी की आवक होती है। गंगरेल जल्दी ओवरफ्लो हो जाता है। लिंक नहर बनने से वह पानी सीधे तांदुला आएगा। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा।
योजना में 56 किमी तक बनानी है नहर
सिंचाई विभाग के मुताबिक गंगरेल-तांदुला लिंक नहर की लंबाई कुल 56 किमी है, जिसे अभी बनाना बाकी है। इस एरिया में 192 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की है। यह प्रकरण भी नहीं सुलझा है।

तांदुला में आएगा 3 हजार मिलियन घन फीट पानी

लिंक नहर बनाकर गंगरेल डेम से तीन हजार मिलियन घन फीट पानी तांदुला में लाया जाएगा। अभी यह कार्य रुका है। इधर सिंचाई विभाग हर तीन से चार माह में प्रस्ताव बनाकर भेज रहा है। लेकिन शासन स्तर पर तांदुला लिंक नहर की सुध नहींं ली जा रही है।
आने वाले बजट में फिर से शामिल करने की मांग की है
जल संसाधन विभाग बालोद के ईई जेके चंद्राकर ने बताया कि दो साल पहले 2019-20 के शासन ने तांदुला-गंगरेल लिंक नहर परियोजना को बजट में शामिल किया था। अभी तक प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली। जिसके कारण परियोजना बजट से बाहर हो गई है। इसके महत्व व उद्देश्य को बुकलेट के जरिये शासन को उपलब्ध कराया है। आने वाले बजट में पुन: शामिल करने की मांग की है।
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