जानकारी के मुताबिक यह घटना करीब दो माह पूर्व 6-7 मार्च 2019 के दरम्यानी रात की है। ग्राम सिकोसा के परमानंद देवांगन कंप्यूटर व एजुकेशन सेंटर में किसी अज्ञात व्यक्ति ने दुकान के पीछे के लकड़ी के दरवाजे को आरी से काटकर लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान की चोरी कर ली थी। जिसकी रिपोर्ट गुंडरदेही थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने धारा 457, 380 का मामला दर्ज कर अज्ञात आरोपी की तलाश में जुटी थी। दो माह की तलाशी के बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह अपनी गर्लफ्रेंड से उधार में रुपए लिए थे। साथ ही अपनी शादी के लिए पैसे इक_ा करने उसने चोरी का शार्टकट रास्ता अपनाया। पहले आरोपी चोरी से इनकार करता रहा, कड़ाई से पूछताछ की तो अपना गुनाह कबूल लिया।
पुलिस को शक हुआ कि ग्राम सिकोसा के एक व्यक्ति का गतिविधियां संदिग्ध हैं। पुलिस ने गुप्त रूप से उसका मोबाइल नंबर प्राप्त कर साइबर सेल की मदद से घटना स्थल के समीप और घटना दिनांक को ट्रेस किया। आरोपी के मोबाइल का लोकेशन घटनास्थल के आसपास रात करीब 2:30 बजे का पाया गया। आरोपी प्रीतम मारकंडे निवासी सिकोसा मिी का काम करता है।
आरोपी का परमानंद देवांगन कंप्यूटर एंड एजुकेशन सेंटर में पहले से आना-जाना था, जिसे टारगेट कर दो-तीन दिन बार रेकी की। घटना दिनांक को रात में आरी व ब्लेड लेकर दुकान के पीछे लकड़ी के दरवाजे को आरी से काटकर चोरी की। चोरी के सामान को दे दिनों तक पैरावट में छुपा दिया था।
आरोपी प्रीतम मारकंडे से 2 सेट प्रिंटर, 2 सेट सीपीयू, 2 नग लैपटाप, 2 नग मोबाइल, एक नग जिओ वाई-फाई, माइक 1 नग, डोंगल 2 नग बरामद किया गया है। सामानों को दो दिन बाद पद्मनाभपुर जिला दुर्ग में अपनी बुआ के यहां ले जाकर छुपा रखा था। 2 नग मोबाइल को स्क्रीन खराब हो जाने के कारण नदी में फेंक दिया। मामले के खुलासे में उपनिरीक्षक शिशिर पांडेय, आरक्षक विपिन गुप्ता, आकाश सोनी, योगेश सिन्हा व साइबर सेल के पुरन देवांगन का योगदान रहा।